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________________ उपयाजमचोदयत् ] श्लोकपादसूची [ उपर्युपरि गच्छन्तः उपयाजमचोदयत् 1. 155. 30f. उपयाजमुवाच सः 1. 155. 100. उपयाजवचः श्रुत्वा 1. 155. 20deg; App. 79. 53 pr. उपयाजं धृतव्रतम् 1. 155. 9"; App. 79. 21 post. उपयाजेन मन्त्रितम् 1. 163. 36deg; App. 79. 102 post. उपयाजोऽब्रवीत्ततः 1. App. 79.24 post. उपयाजोऽब्रवीद्राजन् 1. 155. 14. उपयाजोऽब्रवीद्वाक्यं 1. App. 79. 37 pr. उपयाजो महातपाः 1. 155. 31%; App. 79. 88 post. उपयातमुपप्लाव्यं 9. 61. 23. उपयातस्तदाज्ञया 1. App. 54.3 post. उपयातं तु वार्ष्णेयं 14.58. 17". उपयात दुराधर्षे 3. 19. 276. उपयातं धनंजयम् 6. 78. 10. उपयातं धनंजयः 14.78.2. उपयातं महात्मने 7.58. 311. उपयातं महेश्वरम् 2. App. 3. 24 post. उपयातं रथं दृष्ट्वा 1. App. 103. 147 pr. उपयातानतिरथान् 4. 63.8". उपयाता नरव्याघ्राः 9.7.42deg, 43. 14. 88.2. 'उपयाति च माधव 14. 88. 11". उपयातो जनार्दनः 5. 84. 1'. उपयातो नरव्याघ्र 12. 127.5". उपयातोऽस्मि पर्वतम् 5. 94. 200. उपयात्वाद्य शाल्वेन 3. 22. 130. उपयानमनिन्दिता 3. 251. 21. उपयान्तं दयापरम् 13. 603*.7 post. उपयान्तं युयुत्सया 5. 150. 1. उपयान्तं रिपून्हत्वा 7. 50. 51. उपयान्ति स्म पाण्डवाः 9. 24. 41". उपयान्त्यर्चयित्वा तु 3. App. 1. 14 pr. उपयाय च मामूचुः 9.28. 550. उपयाय तु स क्षिप्रं 5. 46. 14". उपयाया जवेन माम् 7.56. 360 उपयास्यति दाशार्हः 5. 83. 5". उपयास्यति यज्ञं नः 14. 88. 196. उपयास्यति हि क्षिप्रं 5. 587*. 1 pr. उपयास्यथ पाण्डवाः 1. 1449*. 1 post. उपयास्यन्ति दाशार्हाः 1. App. 103. 67 pr. उपयास्यन्ति निर्भयाः 12. 220. 112d. उपयास्यन्ति मां युधि 7. 1072*. 1 post. उपयास्यामि धर्मज्ञ 14.82. 26". उपयाहि त्रिविष्टपम् 13. App. 9. 126 post. उपयुक्तश्चरुभद्रे 3. 572*. 1 pr. उपयुक्तं च यत्तेषां 13. App. 15.851 pr. उपयुक्तं महाभाग 1. App. 118. 102 pr. उपयुङ्क्ते च तानेव 12. 303. 36. उपयुङ्क्ते महोदधौ 1. 171. 214. उपयुज्याब्रवीदेनां 3. App. 25. 106 pr. उपयुज्याशु कर्मेदं 1. 25. 250. उपयेमे महावीर्यः 2. 16. 16. उपयेमे महाव्रताम् 1. App. 75. 3 post. उपयेमे यथाविधि 5. 488*.2 post. उपयोक्तुं तदिच्छामि 14. 70. 13. उपयोक्तुं द्विजाग्येषु 2. 30. 19. उपयोक्ष्ये कथंचन 12. 27. 24. उपयोग यदृच्छया 12. 172. 24. उपयोगात्फलस्येव 3. 34. 32deg. उपयोज्यश्चरुरयं 12.49.9. उपयोज्यं द्विजातिमिः 12. 282. 11". उपरंस्यसि कामाच्च 4. 443*. 4 pr. उपराजेव राजद्धिं 12. 81. 32deg. उपरिष्टाच्च वृक्षस्य 3. 197. 36. उपरिष्टात्ततस्तस्य 12. 167. 39. उपरिष्टात्ततोऽस्माकं 13. 82. 20. उपरिष्टास्थितिस्तेऽस्तु 12. App. 17C. 51 pr. उपरिष्टादतिक्रान्ताः 7.74. 16". उपरिष्टादभिवजन् 12. 320. 16. उपरिष्टादसौ लोकः 3. 247. 20. उपरिष्टाद्वां लोकं 13. App. 9. 49 pr. उपरिष्टाद्गवां लोकः 13. 82. 12. उपरिष्टाद्रमन्यत्र 7. 1406*.1 pr. उपरिष्टान्निवत्स्यसि 13.82. 35. उपरिष्टोपरिष्टात्तु 12. 175. 26*. उपरिष्टं तदा हंसं 8. 342*. 4 pr. उपरि स्थास्यसीति तम् 1. 29. 164. उपरीत्यन्तरिक्षगः 1. 29. 134. उपरीव च मानां 13. App. 15. 2431 pr. उपरूधन्ति कृत्वा च 6. 3. 9. उपरुन्धन्ति राजानः 12. 98.4". उपरोधं कृतवती 3. 197. 18%. उपरोधो भवेदेवं 15. 44. 40deg. उपर्यधै व्यदारयत् 4. App. 45. 31A b.post. उपर्याकाशगो वह्निः 1. 219. 32. उपर्युपरि गच्छन्तं 12. 99. 4. उपर्युपरि गच्छन्तः 1. 111.5". - 469 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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