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________________ उपपन्नोऽस्मि तेऽनघ] महाभारतस्थ [ उपयाज चरस्वैतत् उपपन्नोऽस्मि तेऽनघ 3.725*. 1 post. उपपन्नोऽस्म्यधीहि भोः 12. 261. 41'. उपपन्नोऽस्म्यहं प्रभो 12. 106. 4. उपपन्नो ह्यसौ राजा 5. 142. 36. उपपातकिनश्चानं 14. App. 4. 2821 pr. उपपातकिने दत्तं 14. App. 4. 292 pr. उपपादितमोह 3. 12. 28deg. उपपृच्छामहे गत्वा 10. 2. 31. उपप्रष्टुमिहागतः 12. 313. 12. उपप्रेक्षणजोऽधर्मः 1. 205. 14". उपप्रेक्षसि कस्मात्तं 9. 59. 30deg. उपप्रेक्षसि राधेय 8. 1145*. 4 pr. उपप्रेक्षसि संसदि 1. 68. 34. उपप्रेक्षितवान्नित्यं 16. 36*. 4 pr. उपप्रैक्षत दंपती 12. 253. 21. उपप्रेक्षत मां दृष्ट्वा 9. 28. 41'. उपप्रेक्षन्त पाञ्चालाः 7. 152. 5". उपप्लवन्त वित्रस्ताः 4.57.6". उपप्लवचित्रभानुः 12. App. 28. 289 pr. उपप्लवस्तु विज्ञेयः 14. 39. 15. उपप्लवांस्तथा घोरान् 12. 290. 36*. उपप्लवे चन्द्रमसो रवेश्च 14. App. 4. 2452. उपप्लवो महानस्मान् 3. 194. 25*. उपप्लव्यगता सा तु 10. 11.5". उपप्लव्यगतां दृष्ट्वा 10. 16. 2. उपप्लव्यमरिंदमः 1. 139*. 1 post. 5. 145. 1. उपप्लव्यं गतः पुनः 11. 25. 314. उपप्लव्यं जनाधिप 9. 34.11. उपप्लव्यं ययौ द्रष्टुं 5. 23. 1". उपप्लव्यं स गत्वा तु 5. 8. 15. उपप्लव्यादथायान्तं 5. 82. 18%. उपप्लब्यादिह क्षत्तः 5. 84. 1". उपप्लव्ये तान्विजानीहि गत्वा 5. 22. 1. उपप्लव्ये तु पाञ्चाली 5. 149. 556. उपप्लव्ये निविष्टेषु 1. 2. 136. 9. 34.56. उपप्लव्ये निविष्टोऽपि 5. 142. 4". उपप्लव्ये मया साधं 10. 11. 12. उपप्लव्ये महर्षि, 9. 61. 300. उपप्लव्ये विराटस्य 4. 67. 14. उपप्लाव्यं ययुः शीघ्रं 4. 1150*. 1 pr. उपप्लुतमिवादित्यं 14. 11. 2. उपप्लुतं यथा सोमं 3. 236. 8. 7. 48. 176. उपभुक्के कदाचन 3. 128. 13. उपभुतेक वा कर्म 14. 17. 4. उपभुङ्क्ते यथाविधि 3. 178. 18. 13. 110. 1336. उपभुङ्क्ते सदा सत्त्वं 14. 49. 11. उपभुक्ष्व महाबल 7. 1094*.2 post. उपभुज्य च पाण्डवः 1. 210. 10. उपभुञ्जन्ति पावकम् 13. App. 14. 439A 17 post. उपभुञ्जन्न दुष्यति 13. 148. 17. उपभोक्तासि शाश्वतान् 1. 220. 136. उपभोक्तुं त्वमर्हसि 12. 136. 122". उपभोक्तुं नराधम 1. 127. 7. उपभोक्तुं मनुष्येभ्यः 6. 116. 13". उपभोक्ष्यन्ति मानवाः 13. App. 14. 439A 3 post. उपभोक्ष्यामहे ततः 7. 157. 20%. उपभोगपरित्यागः 12. 284. 23deg. उपभोगफलं स्मृतम् 13. 47. 24. उपभोगसमर्थश्च 1. 1995*. 3 pr. उपभोगांश्च तपसा 13. 7. 14. उपभोगांश्च भारत 3. 229. 12. उपभोगांस्तु दानेन 13.57. 10%. उपभोगेन भक्षणात् 3. 199. 44. उपभोगेन शाम्यति 1. 693*. 6 post. ; 840*. ] post. 12. 616*. 1 post.; App. 18. 98 post. 13. 426*. __1 post.; App. 15. 4001 post. उपभोगैरपि त्यक्तं 12. 286. 31". उपभोज्यं कथंचन 3. 627*. 1 post. उपमन्यवे मया कृत्स्नं 13. 16. 10". उपमन्युरभाषत 13. 14. 451. उपमन्युर्मयि प्राह 13. 189*. 1 pr. उपमन्योर्महात्मनः 13. 14. 28deg, 171'. उपमर्द प्रयोक्ष्यते 5. 39.8". उपमानमिदं राजन् 11. 6. 4". उपमानं तथागमः 12. 31*. 1 post. उपमानं शुचिस्मिते 3. 32. 31". उपमा नास्ति यस्य ह 8. App. 3. 16 post. उपमामत्र वक्ष्यामि 12. 128. 40%. उपमामर्जुनं कृत्वा 1. App. 114. 98 pr. उपमां नाधिगच्छामि 7. 33. 5. उपयन्तुं महावीर्य 3. 1060*.1 pr. उपयम्य यथान्यायं 12. App. 19. 132 pr. उपर्यस्ये विधानतः 1. 13. 250. उपयाचितमेतम्मे 9. 380*.5 pr. उपयाज कृते तस्मिन् 1. 155. 11deg; App. 79. 31A 1 pr. उपयाज चरस्वैतत् 1. App. 79. 31 pr. -468 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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