SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 460
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ उत्सङ्ग इव संवृद्ध ] महाभारतस्थ [ उत्साद्य राज्ञां विषयं प्रसा उत्सङ्ग इव संवृद्ध 7. 9,58deg. .. उत्सङ्गश्च महाङ्गश्च 13. 17.81.. / उत्सङ्गे धनुरादाय. 7.87.62". उत्सङ्गेन व्याल इवाहृतोऽसि 2. 57.30.: उत्सङ्गे निपपात ह 2. 16. 28deg::." उत्सङ्गे पातयस्वाशु 7. 121.26. उत्सङ्गे वक्त्रमाधाय 11. 20. 150.. उत्सङ्गे शिर आरोप्य 3.281. 610: उत्सङ्गे समपातयत् 7. 121..364.. उत्सङ्गेऽस्य शिरः कृत्वा 3. 281: 6. उत्सङ्गेऽस्याः शिरः कृत्वा 1. 43. 13. . उत्सङ्गे स्वे वृकोदरम् 1: 114. 12t... उत्सन्नकुलधर्माणां 6. 23..44"..... उत्सनकृषिगोरक्ष्या 12. 139. 19".. .. उत्सन्नजननाः प्रजाः 7. App. 8. 109 posts उत्सनपिण्डो भ्राता च 9.58. 16... उत्सन्नपितृदेवेज्याः 13. 24. 69.. उत्सनप्रजनाः प्रजाः 12.249. 11'.. उत्सन्नाग्निस्तु पापात्मा. 14. App. 4. 2556 pr. उत्सन्नोत्सवयज्ञा च 1. 202. 220..., उत्सर्गश्चेति पञ्चधा 13. App. 15. 4176 post. उत्सर्गाः पर्वतोपमाः 14. 87. 12... उत्सर्गेणापवादेन 12.338.60: :: ... उत्सर्गे नियते सति 6. 114.100. उत्सर्गे नियतो ह्यहम् 6. 114.986.. उत्सर्गेऽमन्यत श्रेयः 3.59. 13.... उत्सर्गे संशयः स्यात्तु 3. 59.12%: उत्सों रेतसस्तेषु 13. App. 15. 1022 pr. उत्सर्पणावसस्तौ 1. 1655*.2.pr.. उत्सर्पति यथासुखम् 3.73.9". . उत्सवज्ञाश्च मङ्गलैः 4. 1159:.1 post.. उत्सवं कारयिष्यन्ति 1. 57..26".: .) उत्सवं वारणावते 1. 131.8... . उत्सवादुत्सवं यान्ति 12. 174.40... उत्सवानां समाजानां 12.59.67.. उत्सवे पर्वणीषु वा 13. App. 14. 289 post. उत्सवे विहरिष्यन्ति 1.132.6deg. उत्सवे वृत्तमात्रे तु 1. 202. 1".. उत्सवो भविता महान् 1. App..96, 10 post. उत्ससर्ज गिरं मन्दां 13. 1. 20. उत्ससर्ज गिरौ रम्ये 9. 43. 9.: .. उत्ससर्ज जनार्दनः 1. 219. 4... उत्ससर्ज जले कुन्ती 1; 104. 13deg ; App. 43. 24 pr. उत्ससर्ज धनुस्तूर्ण 7. 145. 89.. . उत्ससर्ज मनस्विनी 3. 263. 84..... उत्ससर्ज महाद्विपः 7. 28. 39*. उत्ससर्ज महाबाहुः 3. 1364*.2 pr. उत्ससर्ज महावने 1. 172.16.....' उत्ससर्ज महीपतिः 3. 50. 21. उत्ससर्ज यथाकालं 1. 8.8.. उत्ससर्ज विषं तेषु 1. 18. 26deg.. उत्ससर्ज शरासनम् .7.163.8% उत्ससर्ज शितान्बाणान् 14. 75. 14. उत्ससर्ज शिवं ध्यायन् 10. 14.6deg.. उत्ससर्ज स चैवापः 1. 171. 218. उत्ससर्ज स तां विप्रः 1. App..100. 68 pr.. उत्ससर्ज स पक्षिराट् 1. 359*. 1 post. : उत्ससर्ज समन्ततः 3. 146. 61.. . उत्सहन्ते च ते वृत्तिं 12. 173. 356. : .. उत्सहन्तेऽन्यथा कर्तुं 7. 52. 11deg ; 53. 14deg ; 172. 48%. उत्सहन्ते रणे सोढुं 7. 160. 14. उत्सहामो निरीक्षितुम् 6. 103. 14. उत्सहेत धनुर्धरम् 6.48.:660. उत्सहेत महीपतिः 5. 173.81.. उत्सहेत युधा जेतुं 5. 125. 13. उत्सहे तरसा जेतुं 7. 133. 30deg. उत्सहेदिह कर्तुं हि 13. 54. 280. उत्सहेम रणे जेतुं 6. 93.350. ... उत्सहेरंश्च ये हन्तुं 10. 7. 39:.. उत्सहे वसु याचितुम् 14. 3. 13. उत्सहे स्वार्थगौरवात् 6. 103. 43. उत्सादनममित्राणां 3.163.526. उत्सादनमृते तेषां 3..227. 5. उत्सादनार्थ लोकानां 3. 101. 9deg ; 192. 26deg. उत्सादनीयाः कौन्तेयाः 1. App. 103. 6 pr. उत्सादयति यः सर्व 5. 70. 61". उत्सादयसि यन्मृगान् 3. 146. 776. उत्सादयितुमर्हति 1. App. 103. 2 post. उत्सादयिष्यति तदा 3. 188. 93... उत्सादयेल्लोकमिमं प्रवृद्धः 5. 37. 39deg. उत्सादितश्च विषय: 13. 31.47". उत्सादितः कषायेण 7. 58. 10*. उत्साद्य चाखिलामुवी 7. 23*. 1 pr.. उत्साद्य धनलुब्धया 3. 261.. 324. उत्साद्यन्ते जातिधर्माः 6. 23.. 43. उत्साद्य राज्ञां विषयं प्रसह्य 5. 47. 68. ' -452
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy