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________________ इति पञ्चविधं दान ] महाभारतस्थ [इति ब्रुवन्तीं तां साध्वीं इति पञ्चविधं दानं 13. App. 14B. 86 pr. इति परममतिगुणाननेकान् 13. 27. 101". इति पर्यायमिच्छन्ती 4. 19.78. इति पश्चान्मया ज्ञानं 14. 30. 29". इति पश्यन्न मुह्यति 5. 39. 69d. 12. 26. 19%; 13. App. 15. 3956 post., 4007 post. इति पश्याम्यहं धिया 4.26.64. इति पाञ्चनदं धर्म 8. 30. 66deg. इति पाण्डुमथाबुवम् 2. 142*.4 post. इति पादान्तिकं गताः 1.2155*.1 post. इति पार्थ पुरा शक्रं 1. App. 80. 30A 39 pr. इति पार्थ प्रशस्याथ 6.55. 57": इति पार्था विजानीवं 2. 69.6. इति पार्थिवसत्तम 12. 139. 344. इति पार्थो महाबाहुः 3. 78. 20. इति पार्थो वृकोदरः 3. 296. 36. इति पुत्रगुणानुक्त्वा 13. App. 20. 270 pr. इति पुत्रशतं राजन् 1. 1158*. 1 pr. इति पुष्पाणि संगृह्य 3. 839*. 2 pr. इति पूर्व कृतास्मामिः 4.750*. 3 pr. इति पूर्व नभाषितम् 13. 44. 33. इति पूर्व पितामह 13. App. 1A. 1 post. इति पूर्व प्रतिज्ञातं 9.59. 14. इति पूर्वे महात्मानः 1. 149. 11'. इति पृष्टः सदा पैरिः 1. 1595*. 1 pr. इति पृष्टः सुरेन्द्रेण 13. App. 14. 171 pr. इति पृष्टा तमाचष्ट 14.55. 32. इति पृष्टा सुमनया 13. 124.7". इति पृष्टास्तया देश्या 13. App. 15.4458 pr. इति पृष्टो द्विजैस्तैः सः 14.92. 18%. इति पृष्टो महाराज 13. 25. 40. इति पृष्टो महाराज्ञा 12.68.70. इति पौराणिका विदुः 12. App. 19. 234 post. इति पौराणिकाः प्राहुः 1. 47.7deg. इति पौराणिकी श्रुतिः 14. App. 4. 957_post., 2298A 4 post. इति पौराः सुदुःखार्ताः 2.71. 23. इति प्रज्ञागवेषिणः 12. 255. 21". इति प्रतिच्छाद्य मुखं ततोऽहं 4. App. 59. 17. इति प्रस्थानकाले मां 9. 28. 46deg. इति प्रहृष्टमनसः 14. App. 4. 3411 pr.. इति प्राज्ञ प्रज्ञयैतद्विचार्य 7. 157. 10. इति प्रामाण्यमानतः 1. 1808*. 2 post. इति प्रायादुपसंगृह्य पादौ 8. 49. 100deg. इति प्रायो विकुत्सिताः 8. 30. 474. इति प्रावा व्यजायत 1. 59. 44. इति प्राहुर्मनीषिणः 5. 141. 14. 13. 2. 694; 149. 11". इति प्रोक्तं कुरुश्रेष्ठ 13. 65. 156. इति प्रोवाच धर्मात्मा 4. 1098*. 4 pr. इति प्रोवाच पार्थिवः 14.94. 21". इति बद्धाञ्जलिः स्थितः 3. 267. 38". इति बहुपरुषं प्रभाषति 8. 26. 70%. इति बार्हस्पतं ज्ञानं 12. 140. 17. इति बालश्चिन्तयति 13. App. 15. 4073 pr. इति बाल्ये श्रुतः पूर्व 5. 50. 21". इति बाष्पकलां वाचं 15. 22. 240. इति बाष्पपरिप्लुतः 15. 31. 5. इति बाहुलतापाश- 8. 455*.2 pr. इति बीभत्सुरब्रवीत् 6. 19. 14'. इति बुद्धं चिरान्मया 12. 171. 37. इति बुद्धिगतिः सर्वा 12. 187.26. इति बुद्धिमतां नीतिः 2. 16.6%. इति बुद्ध्या न मे व्यथा 12. 168. 14. इति बुद्ध्यान्वचिन्तयत् 12. 165.6". इति बुद्ध्या विनिश्चित्य 12. 145. 2. इति बुद्ध्या व्यवस्याशु 12.324. 19%. इति बुद्धा महीपते 3. 34. 59. इति बुध्यस्व भारत 3. 245. 16. इति बुध्यस्व माधव 16.7. 15. इति ब्रवीमि तिग्मांशो 3. 286. 5. इति ब्रह्मविदो विदुः 13. 90. 300. इति ब्रह्मानुशासनम् 12.73.80. इति ब्रह्माबवीत्स्वयम् 13. 131. 474. इति ब्रह्मा स भगवान् 13. 73.. 156. इति ब्रुवम्शल्यममित्रहन्ता 8. 87. 50deg. इति ब्रुवशांतनवः 6. 114.62". इति बुवति राजेन्द्रे 15.7. 19%. इति ब्रुवति राधेयं 8. 34. 150. इति अवन्तस्ते सर्वे 1. App. 48. 43 pr. इति ब्रुवन्तस्तैर्दूतैः 14. App. 4. 699 pr. इति ब्रुवन्तं देवेशं 13. App. 15.741 pr. इति ब्रुवन्तः परमाशिषस्ते 3. 161. 12. इति ब्रुवन्तः प्रययुः 1. 181. 34. इति ब्रुवन्तः शिबिराणि जग्मुः 6. 55. 132". इति ब्रुवन्ति लोकेषु 7. 581*. 3 pr. इति ब्रुवन्ती तां साध्वी 14. 93. 194. - 384 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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