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________________ आमत्र्य प्रययौ तत्र ] महाभारतस्थ [मानेडयति वासव आमय प्रययौ तत्र 5. App. 13.56 pr.. भामछ्य प्रययौ धीमान् 3. 23. 42. आमच्य प्रययौ राजा 1. App. 61. 52 pr. आमय प्रस्थितं शौरिं 5. 129. 320. आमब्य ब्राह्मणं पूर्वम् 1. 1711*. 1 pr. . आमच्य भरतर्षभ 3. 48. 14. भामन्य भार्गवं प्रीताः 3. 81. 32. आमय भीमं राजानं 3. 57.22. मामब्य यक्षप्रवरं 3. 152.5*. मामय यक्षराज वै 3.761*. 1 pr. आमत्र्य यादवान्सर्वे 1. App. 114. 304 pr. भामब्य राक्षसश्रेष्ठः 1. 143. 376. आमच्य वदतां श्रेष्ठः 14. 86.6. आमय वसुदेवं च 2. 153*. 1 pr. आमच्य विपुलश्रोणी 12. 14.50. आमत्र्य वीरांश्च तथैव मान्यान् 4. 61. 27. आमच्य वृषपर्वाणं 3. 155. 20%. आमन्य वेश्मानि नदीः सरांसि 3. 173. 180. आमत्र्य सर्वभूतानि 3. 63. 57. आमयान्योन्यमाश्लिष्य 15. 41. 11. आमछ्यान्योन्यमीयुः स्म 11. 9.6. आमध्यान्योन्यमुद्विग्नाः 11. 10. 20deg. आमच्यैनं महानसे 4. 411*. 1 post. आमपात्रनिभाकाराः 7. 22. 136. आमपात्रप्रतीकाशा 5. 141. 25deg. बामपात्रे तु ते तदा 7. App. 8. 801 post. भामर्दकाले राजेन्द्र 15. 12. 3deg. मामलोष्टो विनश्यति 13. 34. 24'. भामः स्यात्पक्कसंकाशः 1. App. 81. 138 pr. 12. 138. 31. था मातृस्तनपानाच्च 3. 33. 40. आमाहठः कोमठकः 1. 52. 15. भामिषप्रतिसंहारात् 13. 57. 17. भामिषप्रतिसंहारे 13. 7. 10. आमिषस्य च भोजिनः 12. 7. 10. आमिषस्य परित्यागात् 12. 475*. 4 pr. आमिषं चैव नो नष्टं 12. 7. 10. आमिषं बन्धनं लोके 12. 17. 16". आमिषं विघसाशेन 3. 34. 4: भामिषं वै नरोत्तम 8. App. 1. 30 post. भामिषं शीर्षतो यस्य 13. App. 14. 458 pr. भामिषादपकृष्टानां 2. 36. 10. भामिषार्थ महाराज 7. 163. 25deg. आमिषार्थी यथा श्येनः 7. 935*. 1 pr. आमिषार्थी यथा सिंहः 6. 49. 31. आमिषार्थे यथा युद्धं 8. 38. 32deg. आमिषे गृध्यमानानां 12. 7. 10. आमिषे तु प्रसक्तः सः 12. 136. 290. आमिषेप्सू गवां मध्ये 6. 110. 11'. आमिषे श्येनयोरिव 7. App. 10. 36 post. भामील्य पुनरुन्मील्य 4. 698*. 3 pr. आमुक्तकवचं देवं 3. 290. 5. आमुक्तकवचः कर्णः 1. 61. 89". आमुक्तकवचः खड्गी 7. 64. 17". आमुक्तकवचः श्रीमान् 1. 104. 10%. आमुक्तकवचौ कृष्णौ 9. 3. 26. आमुक्तखड्गो मेधावी 3. 296. 21.. भामुच्य बलिनोच्छ्रितः 7. 1391*. 1 post. आमुच्य वीरः प्रययौ रथोत्तमं 4, 642*. 3. भामुञ्च कवचं वीर 4. App. 58. 31 pr. 9. 31. 520. आमुञ्चतां च वर्माणि 1. 96. 15. आमुष्मिकं भयं नास्ति 14. App. 1. 15 pr. आमूर्तरयसश्चेह 3. 121. 36. . आमूर्तरयसस्तस्मात् 12. 160.73. आमूर्तरयसं गयम् 3. 93. 164. भामूर्तरयसो गयः 12. 29. 111. आमूलफलभिक्षाभिः 14. 46. 13". आमूलं निर्दहत्येव 12. 92. 15. आ मृत्योः श्रियमन्विच्छेत् 3. 117*. 1 pr. भामृशनियतं दृष्ट्वा 2. App. 32. 19 pr. मामो घट इवाम्भसि 3. 33. 12. आम्नाता मे ददतीराश्रयं तु 13. 75. 11: आम्नायदृढवादीनि 12. 11. 14. आम्नायमनुपश्यन्हि 12.266.6% आम्नायमा पश्यामि 12. 260. 320. आम्नायवचनं सत्यं 12. 252. 96. आम्नायसारिणीमृद्धां 3.61.55. आम्नायेभ्यः परं वेदाः 12. 252. 9". आम्नायेषु नित्यसंयोगमस्य 5. 29. 16. भाम्बिकेयेन दुर्धर्ष 3. 14. 2. आम्बिकेयो महाराज 7. 1. 7. आम्रपत्रसवर्णानां 2. 48. 23deg. आम्रपुष्पोपमा यस्य 12. 318. 15. भाम्रातककपित्थैश्च 13. App. 20. 15 pr. आम्रानाम्रातकान्फुल्लान् 3. 155. 40%. आम्राः पनसवृक्षाश्च 2. App. 21. 1303 pr. आनेडयति वासवः 3. 124. 13.. -340
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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