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________________ भाभाष्य चैनं मधुरं] लोकपादसूची [भामय प्रतिपूज्य च आभाष्य चैनं मधुरं 8. 15. 12. आभाव्य पुत्र पुत्रेति 13. App. 3A. 151 pr. भाभाष्य मधुरं वचः 3. 267. 34. 7. 59.76. भाभाष्येदं वचोऽब्रवीत् 5. 48. 32". आभास्वरा गन्धपा दृष्टिपाश्च 13. 18. 51". आमिमुख्यपुरस्कृतम् 13. App. 15. 3157 post. भाभिमुख्यं पुरस्कृत्य 13. App. 15. 1481 pr. मामिमुख्यादमिक्रम्य 12, 349. 4". आमिमुख्येन होमस्तु 14. App. 4. 2614 pr. आमिर्गाथामिरव्यग्रः 13. 125. 8. आमिषेचनिक द्रव्यं 9. 44. 3. आमिषेचनिकं पर्व 1. 2. 62deg. आमिषेचनिकं भाण्डं 9. 44. 17. 12. 40. 9". आमिषेचनिकं यत्ते 3. 261. 25*. आभिः करणभूताभिः 13. App. 15. 910 pr. आभीरवः सुबलिन: 12. 102.3. भाभीरा मन्त्रयामासुः 16. 8. 450. आभीराः कालतोयकाः 6. 10. 454. आभीरैरनुसृत्याजौ 16. 9. 16. आभूतसंप्लवस्थायी 12. App. 28. 434A 4 pr. आभूतसंप्लवान्तेऽथ 2. App. 21. 60 pr.. आभूतसंप्लवाश्चैव 2. App. 21. 69 pr. आभूतसंप्लवे चैव 12. App. 17B. 44 pr. आभूतसंप्लवे प्राप्ते 2. App. 21. 52 pr. आभ्यन्तरं भयं रक्ष्ये 12. 108. 28". भाभ्यन्तरे प्रकुपिते 12. 129. 9". आभ्यामन्यतरं पार्थ 5.7. 18. भाभ्यामन्यः परो बुद्धः 13. App. 11. 188 pr. आभ्यामर्थाय सोम त्वं 3. 124. 15. आभ्यामुत्पादयेत्प्रजाः 1. 1055*. 1 post. आभ्यां तु पार्श्वे कनकोत्तमाङ्गी 4. 1136*. 10. आभ्यां पद्मः समुत्थितः 3. App. 27. 28 post. आभ्यां पश्य प्रमर्दितम् 7. 158. 34. आभ्यां पुरुषसिंहाभ्यां 1. 197.4. आभ्यां फलसहस्रे द्वे 3.70. 10. आभ्यां मम नियोगात्तु 1. App. 57. 12 pr. . भाभ्यो मां भगवान्पातु 10. 17. 17. आ मत्स्येभ्यः कुरुपाञ्चालदेश्याः 8. 30. 62". आमथ्य मतिमन्थेन 12. 331. 2. भामन्त्रणं हि भुद्धवाद्य 4. App. 41. 10 pr. आमन्त्रणार्थ दूतांस्त्वं 2. 30. 40% भामनयत केशवः 1. 2075*. 1 post. भामन्त्रयत पाण्डवः 3. 155.7%. आमन्त्रयति राजेन्द्र 13. 24. 46. आमन्त्रयति वो राजा 3. 242. 10. आमन्त्रयध्वं राष्ट्रेषु 2. 30. 41". आमन्त्रय वरानने 3. 123. 124. आमनयामि भद्रं ते 12. 352. 10. आमयामि भरतान् 2. 69. 1". आमन्त्रयांबभूवुश्च 2. 30. 42. आमत्रयितुमारभन् 15. 44. 434. आमन्त्रयित्वा ऋषिभिः 13. App. TA. 285 pr. आमन्त्रयित्वा कौन्तेयम् 4. 1119*. 1 pr. भामन्त्रयित्वा तान्सर्वान् 2. App. 12. 43 pr. भामन्त्रयित्वा सुश्रोणी 1. 73. 23. आमन्त्रये त्वा नरदेवदेव 5. 30. 1". आमनये त्वां दुर्धर्ष 6. 41. 32. आमनये त्वां ब्रूहि जयं रणे मे 8. 47. 14. आमन्त्रये त्वां भगवन् 6. 41. 47". आमनये वासुदेवं च शौरिं 5. 25. 2. आमन्त्रिता ततोऽगच्छत् 13. 42. 9. आमय कुकुरान्धकान् 2. App. 21. 1384 post. . आमच्य केशवं यातः 9. 34. 1. आमच्य गच्छामि शिवं सुखं वः 5. 30. 2. आमच्य च जनार्दनः 2. 2. 84. आमय च पृथां कृष्णः 2. 22*. 1 pr. आमच्य च पृथां कृष्णां 2. 22*.2 pr. आमच्य च स तान्प्रायात् 1, 96. 13. आमच्य जननी मे वै 12. App. 17C. 153 pr. आमच्य तं ततो देवाः 12. 193. 30. आमच्य तां तु कल्याणी 9. 47. 17. भामण्य तु निराशानि 14. App. 4. 380 pr. आमच्य दर्शनाकाङ्क्षी 4. App. 4C. 9A 2 pr.; App. 4D. 10 pr. ; App. 4E: 11 pr.; App. 4F. 10 pr.; App. 4G. 10 pr. आमच्य दारुकं प्राह 9. 62. 29. आमच्य देवप्रवरः 2. App. 21. 1391 pr. आमच्य द्रौपदी कृष्णां 4.21. 62. आमच्य धर्मराजानम् 1. 214. 176. भामय धौम्यं सहितांश्च पार्थान् 3. 26. 18. आमछ्य नृपतिं तं तु 1. 2038*.2 pr. आमच्य परवीरहा 3. 43.26. आमच्य पाण्डवान्सर्वान् 3. 23. 48deg; 366*. 3 pr. भामय पार्थ च वृकोदरं च 3. 24. 16%. भामठ्य पुरुषोत्तमम् 11. 16. 17. आमच्य प्रतिपूज्य च 12. 2. 14'. -339 -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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