________________ अवेक्षाथै महात्मनाम् ] महाभारतस्थ [अव्यक्तप्रभवां शीघ्रां अवेक्षार्थं महात्मनाम् 9. 36. 354. अवेक्षितार्थः शुद्वात्मा 1. App. 81. 144 pr. अवेक्षेच्छास्त्रचक्षुषा 12. 210.264. अवेक्षेताममित्रन्नौ 4. 36. 4. अवेक्षेतां तदान्योन्यं 7.6.22. अवेक्षेरन्धार्तराष्ट्राः समक्षं 5. 29. 42. अवेरन्धार्तराष्ट्राः समर्थी 5.91. 20%. अवेक्ष्य कृपणं भार्या 11.25.20. अवेक्ष्य च शनैर्बुद्वया 13. 187. 54". अवेक्ष्य चिरकारिक 12. 258.534. अवेक्ष्य चेयात्परमेष्टिसाम्यतां 12. 232. 34. अवेक्ष्य चोद्धृतां वीरां 1. 122. 18. अवेक्ष्य त्वं संजय स्वं च कर्म 5.29.20. अवेक्ष्य मनसा शास्त्रं 12. 284.249. अवेक्ष्य मन्दं प्रविमुच्य शाखा 3. 250. 1. अवेक्ष्यमाणैः पतितैः सहस्रशः 8. 68. 20. अवेक्ष्य सततं नराः 1. 962*. 2 post. अवेक्ष्य संजयो दीनः 9. 1.51. अवेक्ष्य हृष्टा स्वगणान् 13. App. 15. 221 pr. अवेक्ष्या इति कृत्वा त्वं 14.93. 52". अवेक्ष्याभ्यद्ववीरः 3.271. 10". अवेत्य मनसा राजन् 1. 693.5pr. अवेदव्रतचारित्राः 13.24.476. अवेदानामकीर्तीनां 13.58. 314. अवेदोक्तवताश्चैव 13. 93.24. अवेदोक्तवतोपेताः 12.211.24. अवेपिनौ जातकिणी बृहन्तौ 8.57. 300. अवैक्षत कटाक्षेण 6. 112.79. अवैक्षत च धर्मात्मा 4. 63. 46. अवैक्षत च पावकिम् 12. 314. 12. अवैक्षत च मे वक्त्रं 3. 164. 360 अवैक्षत प्रातिकामी सभायां 2. 60. 1. अवैक्षत महातेजा 5. 146. 10. अवैक्षत विवृत्ताभ्यां 4.54. 176. अवैक्षत वृकोदरः 1. 1515*. 11 post. अवैक्षत सहस्राक्षः 13.41. 16. अवैक्षदथ सावझं 3. 146. 73. अवैक्षन्त प्रकोपिताः 6.83. 244. अवैक्षन्त महागलं 17. 2.2. अवक्षन्ताचलै त्रैः 7.73. 23. अवैधव्यकरैयुक्ता 3.282. 15". अवैधव्याशियस्ते तु 3. 280. 12". अवैधव्येन संयुक्ताम् 5. 11. 18. अवैमि चाहं नृपते 3.58. 31". अवैमि त्वस्य लोकस्य 12. 217. 26deg. अवैमि त्वां हनूमन्तं 3. 266.64. अबैरकृत्सूपचारः 12. 213. 12". अवैरकृद्भूतहिते नियुक्तः 12.343, 11'. अवैरा ये त्वनायासाः 13. 132, 330. अवरोध्यममत्सरः 12. 7.6deg.. अवैहि त्वमनिन्दिते 4. App. 61. 21 post. भवोचदिति नः श्रुतम् 12. 1. 27. अबोचन्नथ तव्रत्याः 13. App. 9A. 90 pr. अवोचन्मां धृतराष्ट्रोऽनुगुप्तं 3. 6. 120. अबोचन्मां योत्स्यमानः किरीटी 5. 47.3. अवोचल्लोभमोहितम् 8. 5. 17. अवोचस्त्वं पाण्डवार्थेऽप्रियाणि 8. 29. 21". अवोचं चैतदत्रं वै 7. 28. 30%. अवोचं तमदीनार्थ 13. App. 3A. 355 post. अबोचं पार्थिवान्सर्वान् 5. 170. 13. अवोचं पुनरेव तम् 15.38.5". अवोचं भयपीडितम् 5. 17. 12". अवोचं यत्पण्ढतिलान् 5, 158. 31"; App. 11.49 pr. अबोचं वै प्रभविष्णु पुराणम् 13. 70.27. अवोचः परुषा वाचः 4.55.2". अन्यत इति च कचित् 12. 326.7. अव्यक इति विख्यातः 12. 175. 120. अव्यकर्मजा बुद्धिः 12. 203. 250. अव्यककलवाक्यानि 3.292.20deg. अव्यकगुणलक्षणम् 12. 335. 80deg. अव्यरजल्पी मध्यक्षः 5,50. 20. अव्यक्तज्ञानसंहितम् 12.296. 234. अव्यकनाभं व्यकारं 12.204. 8". अव्यकनामानि गुणांश्च तत्त्वतः 14.39.2f". अव्यक्तनिधनं विद्यात् 12. 204. 1". अव्यक्तनिधनानि च 12. 204.11. अव्यक्तनिधनान्येव 6. 24. 285. अव्यक्तनिष्टः स भवेत राजन् 12. App. 20D. 279. अव्यक्तपुरुषयोर्योगान् 12. App. 29B. 17 pr. अव्यकपुरुषाभ्यां तु 12.210.6. अव्यकपुरुषावुभौ 12.210.6. अव्यकप्रकृतिरयं कलाशरीरः 12. 309.210. अव्यक्तप्रकृतिध्रुवः 2. App. 21. 209 post. अव्यक्तप्रभवान्याहुः 12. 20.1. 1deg. अव्यप्रभवाव्ययम् 14. 48. 1. अव्यक्तप्रभवां शीघ्रां 12.242. 11". -238 -