________________ अविषह्यतमं मन्ये] श्लोकपादसूची [अवेक्षा चैव सीदताम् अविषह्यतमं मन्ये 12. 92. 13. अविषह्यतमान्मन्ये 10. 4. 30deg. अविषह्यतमा ह्येते 7.53.28deg. अविषाबलं स्कन्दं 3.215. 13. अविषह्यमनाप्यं 3. 157. 21". अविषह्यमनावार्य 5.50. 430. अविषह्यमरातिभिः 7. 164.760. अविषह्य महात्मनाम् 8.33.68. अविषह्य शरान्सर्वे 4.999*. 1 pr. अविषह्यं गुरुं भारं 7. 34. 12". अविषां च मन्धानः 7. 133. 1. अविषह्यं ततो दृष्ट्वा 8. App. 18.72 pr. अविषह्यं तु पार्थस्य 8.59.34. अविषां पृथिव्यापि 5. 63. 10. अविषा भविन्यति 12.327.85. अविषह्यं भवेद्गणे 12. 2. 2. अविषह्यं हृषीकेश 7. 390*. 2 pr. अविषयः पराक्रमे 8. App. 5.42 post. अविषह्यः समुद्रो हि 8. 28. 41". अविषह्यान्महौजसः 9.24.2. अविषह्यां महाबाहुः 7.85. 82. अविषह्येन दुःखेन 10.9.89. अविषह्योऽग्रतः स्थितः 7. 160.35. अविषह्यो रणे हि त्वं 3. 170. 68. अविधादश्च धैर्य च 5.58. 286. अविषादस्य चैवास्य 1. 181. 15. अविसंवादको दक्षः 5. 38. 34". अविसंवादनं दानं 5. 38. 330. अविस्मयंस्तदा कर्ण 8.347*. 1 pr. अविरम्भे न गन्तव्यं 12. 182. 12. अविहाय महाराज 2. 5.5. अविहिंसंश्चतुर्विधम् 1. 110. 11'. अविहिंसंश्चतुर्विधान 12. 9. 16. अविः पशूनां सर्वेषां 14. 43. 24. अवीचिप्रमुखाः प्रिये 13. App. 15. 2717 post. अवीरजोऽभिवातस्ते 16. 9.5". अवीराचरितां राजन् 3.34. 11". अवीरायाश्च योषितः 12.52*.2 post. अवीर्यकपणोचिते 1. 110. 20. अवीर्यो वेदनाद्विद्यात् 12. 159. 17". अवीवृषन्याणमहौषवृष्टया 6. 81.5". अवृणीत सदा पुत्रान् 7. 167. 45deg. अवृणोत्तत्र पाञ्चाली 2.72. 26deg. अवृत्तिकर्शितं चैव 12. 277.31. अवृत्तिभयपीडिताः 12.76. 32. अवृत्तिर्भयमन्त्यानां 5.34. 500. अवृत्तिं दश धेनवः 13. 68. 184. अवृत्ति विनयो हन्ति 5. 39. 320. अवृत्त्या क्लिश्यमानोऽपि 13. 125. 130. अवृत्त्या चेत्तदाचरेत् 12. 90.6". अवृत्त्या तात पीडिताः 5. 130. 25d. अवृत्त्यान्त्यमनुष्योऽपि 12, 128. 34. अवृत्त्या ये च भिन्दन्ति 13. 147. 120. अवृत्त्या यो भवेत्स्तेनः 12. 77. 136. अवृत्त्यास्मान्प्रजहतः 5. 132. 17. अवृत्त्यैव विपत्स्यामः 5. 131. 26". अवृथा तेऽस्तु मद्वाक्यं 13. App. 3A. 110 pr. अवृद्धिमेति तद्राष्ट्र 13. 337*. 25 pr. अवृष्टिरतिवृष्टिश्च 12. 91. 34. अवृष्टिमरिको रोगः 12. 194*. 3 pr. अवेक्षते कर्णसमाश्रयेण 8. 46. 44. अवेक्षन्तौ जिघांसया 7.76. 30deg. अवेक्षमाणस्तस्याश 1. 110. 130... अवेक्षमाणस्तं काकं 8.28.433; 334*. 1 pr. अवेक्षमाणस्वील्लोकान् 12. 170. 9. अवेक्षमाणः कुन्ती च 1. 110. 22". अवेक्षमाणः कैलास 3. 155. 14". अवेक्षमाणा तं बाला 11. 20.9%. अवेक्षमाणामसकृत्पतींस्तान् 2. 60. 46. भवेक्षमाणा मुहुरर्जुनस्य 8. 67. 36deg ; 1170*. 3. अवेक्षमाणा राजानं 11. 10. 19". अवेक्षमाणा शनकैर्जगाम 3. 111. 17deg. अवेक्षमाणा सुश्रोणी 4. 15. 13. अवेक्षमाणास्तेऽन्योन्यं 7. 148. 180. अपेक्षमाणां कृपणान्पतींस्तान् 2. 60. 37. अवेक्षमाणाः पार्थस्य 8. 1169*. 3 pr. अवेक्षमाणो गोविन्दः 8. 14. 26. अवेक्षमाणो द्युतिमान् 1. App. 111.6 pr. अवेक्षमाणो यन्तारं 3. 22.69. अवेक्षमाणो वैदेहीं 3. 1254*. 1 pr. अवेक्षया महाराज 3.299.220. 4. App. 1.53 pr. अवेक्षस्व जयद्रथ 3.252. 250. अवेक्षस्व मे इपुधी विशोक 8. 816*. 1. अवेक्षस्व यथान्यायं 12. 8. 234. अवेक्षस्व यथा स्वैः स्वैः 12. 10. 286. अवेक्षा चैव सीदताम् 12. 58.". -297 -