________________ अर्थ एव ह्यनर्थस्य ] श्लोकपादसूची [अर्थशास्त्राणि शत्रुहन् अर्थ एव ह्यनर्थस्य 13. App. 15. 3975 pr. अर्थकर्मविचक्षणान् 2.71*. 1 post. अर्थकामविहीनोऽपि 12. 168*.2 pr. अर्थकामः शिखां राजा 12. 120.90. अर्थकामा च या नारी 4. 120*.93 pr. अर्थकामेन भाषितम् 5. 142. 10'. अर्थकामौ परित्यज्य 12. 276. 194. अर्थकामौ बहुश्रुतौ 5. 123. 11. अर्थकारी सुबान्धवः 13. 17. 96. अर्थकार्य पुनर्भर्तुः 13. App. 15. 4551 pr. अर्थकार्येषु पण्डितान् 3. 149. 46. अर्थकाले प्रदानं च 12.59.54. अर्थकृच्छ्रमपि प्राप्य 1.7. 18%. अर्थकृच्छ्रेषु चैवाहं 3. 64. 30. अर्थकृच्छ्रेषु दुर्गेषु 3. 2. 180. अर्थचिन्तापरा यस्य 12. 116. 17. अर्थजानि विदः प्राज्ञाः 3.2.41'. अर्थज्ञानात्परां गतिम् 13. 38A*. 1 post. अर्थज्ञानानयाजयात् 7.5.22d. अर्थतत्त्वमविज्ञाय 4. 15.27. अर्थतत्त्वविभागज्ञः 3. 158. 13deg; 159. 176. अर्थतत्त्वं पितामह 12.56.8". अर्थतस्तच्च मे शृणु 12. 343. 14. अर्थतस्तु निबध्यन्ते 12. 312*. 1 pr. अर्थतस्ते मम मृताः 5.88.71. अर्थतृष्णामुपाश्रिताः 12. 105. 434. अर्थत्यागो हि कार्यः स्यात् 3.34. 634. अर्थदानेन वा पुनः 1. App. 81. 106 post. अर्थदूषणमेव च 5. 33.74". अर्थधर्मप्रधानासु 1. 1106*.5pr. अर्थधर्मातिगो मूढः 5.90.9". अर्थधर्मावनादृत्य 3. 158. 14. अर्थधर्मावनुष्ठितः 12.244. 1'. अर्थना न मया काचित् 5. 105. 134. अर्थनिर्वचने नित्यं 1. App. 111. 32 pr. अर्थप्राप्तिर्महदुःखं 13. App. 15. 3977 pr. अर्थप्राप्तिः कदाचित्स्यात् 5.70. 880. अर्थप्राप्तौ च नरकः 1. 145. 23deg. अर्थप्राप्तौ ततोऽधिकम् 1. 145.24. अर्थमन्यैः प्रपूरितम् 2. 33. 6. अर्थमानपुरस्कृतम् 17. 1. 13. अर्थमानप्रदानाभ्यां 1. 131. 1. अर्थमानविवृद्धाश्च 12. 118. 26". अर्थमानार्यसत्कारैः 12. 84.70. अर्थमानेन योजिताः 1. 130. 8t. अर्थमुत्सृज्य किं राजन् 3. 34. 5. अर्थनूलोऽपहिंसां च 12.72. 154. अर्थमृच्छति कामार्थी 3. 34. 31deg. अर्थयन्कलशं राजन् 12. 126. 22". अर्थयन्ति सुरोत्तमाः 13. App. 14. 286A 12 post. अर्थयस्व धनं बहु 3. 183.44. अर्थयिष्यन्ति मां पथि 13. 53. 364. अर्थयुक्तमथापि वा 12. 52. 19. अर्थयुक्तानि चात्यर्थं 12. 205. 31. अर्थयुक्तिमविज्ञाय 12. 136. 1369, 1376. अर्थयुक्तिमिमां तावत् 12. 136.59". अर्थयुक्तिं समालोक्य 12. 136. 17. अर्थयुक्त्या प्रयत्स्यन्ति 3. 188.736. अर्थयुक्त्या हि जायन्ते 12. 136. 134. अर्थयुक्त्या हि दृश्यन्ते 12. 136. 1304. अर्थयेदेव मित्राणि 5. 36. 41". अर्थयोगं दृढं कुर्यात् 12. 161. 21". अर्थरूपा बृहत्मानी 1. App. 96. 12A 1 post. अर्थलुब्धान्नः वः पार्थः 1.213.3". अर्थलुब्धोऽभिमानी च 3. 1. 14. अर्थलोभान्नरव्याघ्र 3. 186. 41". अर्थवच्च विचित्रं च 5.34.736. अर्थवद्रोणभीष्मयोः 5. 48. 46. अर्थश्वेतुभूषितम् 13. 6. 44. अर्थवद्वाक्यमत्रवीत् 3. 204. 164. अर्थवन्तं नरं नित्यं 13. App. 15. 3973 pr. अर्थवन्तः प्रतिबलाः 13. App. TA. 1 (subst.) pr. अर्थवन्तो न चोत्सिताः 7. 119. 250. अर्थवन्त्युपपन्नानि 5. 132.30. अर्थवर्गः सहामात्यः 1. 130.9. अर्थवादाशिषः स्तवाः 13.75.9". अर्थविद्या च मानवी 4.940*. 1 post. अर्थविद्यां च मानवीम् 7.5. 34. अर्थव्याजोऽपि रोचते 12. 265.7% अर्थशास्त्रमिदं पुण्यं 1.56.21". अर्थशास्त्रमिदं प्रोक्तं 1. 186*. 1 pr. अर्थशास्त्रविशारदः 12. 161.9". अर्थशास्त्रं चतुर्थं तु I. App. 66. 10 pr. 12. App. 13. 10 pr. अर्थशास्त्रं मयाधीतं 1. App. 82.7pr. अर्थशास्त्राणि शत्रुहन् 13.39.9%. -213 --