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________________ अर्जुनेनैवमुक्ते तु] महाभारतस्थ [अर्थ एव हि केषांचित् अर्जुनेनैवमुक्ते तु 5. 540*. 1 pr. अर्जुने मयि चागते 3. 146. 35*. अर्जुने विजयो नित्यं 7. 10. 386. अर्जुने विमनस्के च 12. 336.89. अर्जुने शत्रुनाशने 7.760*. 4 post. अर्जुने शत्रुसूदने 7. 102. 15. अर्जुने सैन्धवं प्राप्ते 7. 81. 1". अर्जुने हि जयस्तेषां 7. 408*. 1 pr. अर्जुनो जयतां कण 8. 992*.2 pr. अर्जुनो जयतां वरः 1. App. 78. 103 post.; App. 114. 262 post. 4. 53. 436; 621*. 1 post. 9. 82*. 2 post. अर्जुनो जयतां श्रेष्ठः 1. 1404*.2 pr. 2. 6*. 1 pr.; App. 15. 208A 1 pr. 4.57. 16. 7. 1006*. 6pr.; App. 16. 76 pr. 8. 40. 790. अर्जुनो जातवेदसम् 5. 48. 174. अर्जुनोत्सङ्गगौ पादौ 5. 58.7". अर्जुनोऽथ भृशं क्रुद्धः 6. 77. 330. अर्जुनोऽथ सुशम दीन् 6. 82. 45". अर्जुनोऽदमयच्छरैः 1. App. 80. 46 post. अर्जुनो दुःखसंतप्तः 6. 103. 84deg. अर्जुनो दुःसहो युधि 5. 435*. 2 post. अर्जुनो द्रौणिना विद्धः 9. 13. 10. अर्जुनो द्रौपदेयाश्च 6. 85. 17". अर्जुनो धनुषोऽभ्याशे 1. 179. 14. अर्जुनो धन्विना श्रेष्ठः 2. App. 39. 115 pr. अर्जुनो ध्वजिनीं राजन् 7.67.5%. अर्जुनो नकुलश्चैव 1. 142. 13. अर्जुनो न भवेद्योद्धा 2. 241*. 3 pr. अर्जुनो नरशार्दूल: 1. App. 77.5 pr. अर्जुनो नाम तेजस्वी 12. 49. 30%. अर्जुनो नाम वीर्यवान् 1. App. 80. 30A 28 post. अर्जुनो निशितैर्वाणैः 7. 120. 31. 8.55. 18. अर्जुनो निशितैः शरैः 8. 59. 4. अर्जुनो नैव युद्धार्थी 5.72. 23. अर्जनो नो भवेद्योद्धा 2. 249*.4 pr. अर्जुनोऽपि धनुर्गृह्य 6. 43. 90. अर्जुनोऽपि न मे तुल्यः 1. App. 114. 102 pr. अर्जुनोऽपि महाबाहुः 9. 360*. 1 pr. ; App. 5. 17 pr. अर्जुनोऽपि महाराज 8. 42. 49". अर्जुनोऽपि महावीर्य 7. 228*.8 pr. अर्जुनोऽपि रणे द्रोणं 7. 1294*.2 pr. अर्जुनोऽपि रणे योधान् 7. 121. 48". अर्जुनोऽपि शरांश्चित्रान् 4.59. 26". अर्जुनोऽपि शरैस्तीक्ष्णैः 6.55. 70. अर्जुनोऽपि शिखण्डिनः 6.95 21. अर्जुनोऽप्यथ तत्रैव 3. 38. 45deg. अर्जुनोऽप्पथ तं दृष्ट्वा 2. App. 39. 53 pr. अर्जुनोऽप्यब्रवीद्राजन् 7. 1244*.2 pr. अर्जुनोऽप्यस्वमुत्तमम् 1.218. 15. अर्जुनो बलिनां वरः 2. App. 39. 27 post. अर्जुनो बह्वशोभत 9. 28. 314. अर्जुनो भरतश्रेष्ठः 8. 50. 385. अर्जुनो भीमसेनश्च 6. 103.276.7. 105. 3. 8. App. 14. 19 pr. 9. 8. 36; 29.51". अर्जुनो भृशमभ्यगात् 7. 9. 194. अर्जुनो भृशसंक्रुद्धः 7.68. 60%. अर्जुनोऽभ्यपतत्पुनः 1. App. 103. 165 post. अर्जुनो भ्रातरं ज्येष्ठं 1. 480*. 2 pr. अर्जुनो मत्प्रसादाद्धि, 7. App. 4. 10 pr. अर्जुनो यमजौ चोभौ 3. 245.6". अर्जुनो युधि संजय 8. 16. 1. अर्जुनो रथिनां श्रेष्ठः 4.937*. 4 pr. ; App. 49. 30 pr. 6.95.24. अर्जुनो राजशासनात् 12. 44. 94. अर्जुनो वः परायणम् 3. 297.67deg. अर्जुनो वाक्यमब्रवीत् 7.74. 354. अर्जुनो वा भवान्नेति 4. 739*.2 pr. अर्जुनो वार्यमाणस्तु 6. 107.53". अर्जुनो वासुदेवश्च 1. 214. 320 ; 225. 18.5.66. 1". 6.51. 350; 321*. 1 pr. 7. 74. 3deg ; 171. 10. अर्जुनो वासुदेवो वा 4. 666*.2 pr. अर्जुनो वाहयियति 5. 138. 21". अर्जुनो व्यधमच्छिष्टान् 8. 43. 76deg. अर्जुनो व्यधमत्काले 6. 112.626. 7. 29. 34. अर्जुनो व्यधमत्सैन्य 8. 55. 14. अर्जुनोऽस्त्रविदां वरः 9. 3. 24. अर्जुनोऽस्मीति नामास्मै 16. 9.2. अर्जुनोऽहमिति प्रभो 18. 2. 40". अर्जुनोऽहमिति प्रीतः 1. App. 114. 145 pr. अर्जुनोऽहं महाराज 4. 66.90. अर्णवं खानयामास 3. 195, 19". अर्णवं सहसाप्लुतः 3. 147. 34*. अर्णवोत्पीडसंभवः 12. 176. 13. अर्थ इत्येव सर्वेषां 12. 161. 11". अर्थ एव हि केषांचित् 3. 2. 40*. - -
SR No.032840
Book TitlePatrika Index of Mahabharata
Original Sutra AuthorN/A
AuthorParshuram Lakshman Vaidya
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1967
Total Pages808
LanguageEnglish
ClassificationCatalogue
File Size25 MB
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