________________ अप्रमेयमविज्ञेयं] महाभारतस्थ [अप्राप्य निधनं गच्छेत् अप्रमेयमविज्ञेयं 13. App. 11. 151 pr. अप्रमेयशरीराय 12. 47. 500. अप्रमेयं प्रणमन्तौ 7.57. TI. अप्रमेयं महाधनैः 2. App. 21. 1235 post. अप्रमेयं महाबाहुं 2. 12. 26". अप्रमेयं सनातनम् 12. 286.74. 13. APP. 11. 258 post. अप्रमेयं सरित्पतिम् 1. 19. 11'. अप्रमेयं सुरैरपि 12. 175. 264. अप्रमेयाणि दुर्धर्षे 6. 15.54". अप्रमेया यथोत्लन्नाः 3.22.27. अप्रमेयाबदीनवत् 1. 2078*. Dpost. अप्रमेयावनन्तरम् 12.74. 1. अप्रमेया महोत्सेधां 2. App. 21. 1197 pr. अप्रमेये हृषीकेशे 7. 157.27. अप्रमेयैव वा पुनः 12. 125.6. अप्रमेयोऽनिय ज्यश्च 2. App. 21. 1600 pr. अप्रमेयोऽप्रमश्च 3. 165.. अप्रमेयोऽहमव्ययः 14. App. 4. 122 post. अप्रमेयो हरिः प्रभुः 12.895*. 1 post. अप्रमेयो हि केशवः 5.68.2". अप्रमेयो हृषीकेशः 13. 135. 100. अप्रमोक्ष्यार्थहानिजम् 13. 125. 31". अप्रयच्छंश्च सर्वाणि 12. 35. 12. अप्रयत्नागताः सेव्याः 12.284. 350. अप्रयत्वेन पश्यामः 12.215.20. अप्रयत्नेन वीराणां 5.93.30. अप्रवक्तारमाचायं 5.33.67. 12.57.44. अप्रवृत्तं सुदुर्बुडे 5. 193. 43". अप्रवृत्तास्तु ये लुब्धाः 13. 133. 136. अप्रवृत्तिरतोऽन्यथा 3. 33. 47. अप्रवृत्तिः प्रवृत्तिश्च 12.37.9. अप्रवृत्तेरमर्त्यत्वं 12.37. 10. अप्रवेश्यं सुरैरपि 7. 115.24. अप्रव्रज्ये यो यित्वा पुरस्तात् 5. 27. 17". अप्रशस्तं निबोधत 13. App. 14. 325 pint. अप्रशस्तानि कर्माणि 5. 38. 20*. अप्रशम्तानि सर्वाणि 13. App. 14. 307 pr. अप्रशस्यस्तदूचं स्यात् 12.97.9. अप्रशंस्थं प्रशंसति 3. App.1.12pr. अप्रशान्त प्रनाम्य त्वम् 12.197.21". अप्रशान्तमना भीम 5.73.6. अप्रसङ्गानुवर्तनैः 13.203*.2post. अप्रसन्नाः दिशः सर्वाः 12. 160. 40". अप्रसह्यतमं लोके 7. App. 8. 40 pr. अप्रसह्यं दुरासदम् 3. 16.68. अप्रसह्यं नरैर्भुवि 1, 155.26. अप्रसह्यं परैर्भुवि 1. App. 79.74 post. अप्रसादः प्रसादश्च 12. 121.25 अप्रसाद्य विरूपाक्षं 13. 14.83". अप्रसूतां प्रसूतां वा 13. App. TA. 201 pr. अप्रसूते च दुप्प्रेक्ष्ये 6. 103.736. अप्रसूते च हीने च 6. 125*. 6 pr. अप्रहर्षमनानन्दं 12. 191.8. अप्रहृष्टमना भृशम् 7. 1. 8. अप्रहृष्टान्धिमनसः 7. 1113*. 4 pr. अप्रहृष्टेन मनसा 2. 43. 120. अप्राज्ञ प्राज्ञवच्चर 12. 297.214. अप्राज्ञमधिकं पापं 12.287.7. अप्राज्ञो न तरत्येव 12. 227. 19. अप्राप्तकालं वचनं 5. 39. 20. अप्राप्तदमकाश्चैव 13. 24.77. अप्राप्तमेव चिच्छेद 7. 27. 25. अप्राप्तलक्षणं कृष्णं 2.34. 14. अप्राप्तवति तस्मिंश्च 1. 95. 40. अप्राप्तव्यवहारा वा 2.5.65. अप्राप्तसर्वकामार्थं 12. 469*.2 pr. अप्राप्तस्याभिमर्श तु 12.59. 180. अप्राप्तः स महद्धर्म 7. 455*. 1 pr. अप्राप्तानस्त्रमायाभिः 7. 117.24. अप्राप्तानेव चिच्छेद 7. App. 22. 50 pr. अप्राप्तानेव तान्बाणान् 6. 106. 40". अप्राप्तानेव तान्सर्वान् 7. App. 6. 3 pr. अप्राप्तामेव चिच्छेद 7. App. 22.42 pr. अप्राप्तामेव तां शक्तिं 6. 50. 1030. 7. 141. 52". अप्राप्तां तां व्यशातयत् 7. 131.65. अप्राप्तांश्चैव तानाशु 1.96. 20deg. अप्राप्तांश्चैव तान्पार्थः 4.53. 18. अप्राप्ताः सप्तभिर्भल्ले: 6. App. 4. 28 pr. अप्राप्तिं त्रिदिवस्य च 3. 107.2". अप्राप्तेऽस्तं दिनकरे 7.56. 22. अप्राप्तो न मया कृष्ण 7.950*.5pr. अप्राप्तो मेदिनीतलम् 1. 81. 4. अप्राप्ती तस्य वा प्राप्तौ 8. 1. 48. अप्राप्नुवन्क्वचित्कांचित् 10. 16. 10. अप्राप्य तु त्वामहमद्य शोभने 4. App. 13. 13. अप्राप्य निधनं गच्छेत् 12. 10. 10. -154 -