________________ अप्येष शत्रोः शरणागतस्य ] महाभारतस्थ [ अप्रमत्तस्य कालस्य अप्येष शत्रोः शरणागतस्य 3. 254.84. [अ]प्यैकाम्यं समवाप्यते 12. 231. 4". अप्रकम्प्याव्ययाश्च ह 12. App. 291D. 46 post. अप्रकम्प्यौ च निर्बणौ 12. 302. 134. अप्रकाशमिदं प्रश्नं 6. App. 3. 19L pr., 20 Spr. अप्रकाशा दिशः सर्वाः 1. 138.70. अप्रकाशान्धप्रियाणि 15. 4. 4". अप्रकाशोऽप्रवृत्तिश्च 6. 36. 136. अप्रकाशो भयं मोहः 13. App. 15. 4122 pr. अप्रकीर्णेन्द्रियं दान्तं 3. 219. 576. अप्रकीर्णेन्द्रियं प्राज्ञं 12. 94. 14". भप्रक्षालितपादस्तु 13. App. 10. 114 pr. अप्रख्यमप्रकाशं च 7. 159. 46. अप्रख्यातिमियां राजन् 3.23. 12. अप्रख्यातिं गतानां तु 9.3.70. अप्रगल्भमवस्थितम् 8. 59. 29". अप्रगल्भमिदं वचः 1. App. 65. 10 post. अप्रगल्भं वचस्तस्य 2. 19. 47. अप्रगल्भां प्रगल्भः सः 1. 160.33. अप्रजस्तद्रवीमि वः 1. 111. 11". अप्रजस्य महाभाग 1. 1175*. 1 pr. अप्रजस्य महाभागाः 1. 111. 11". अप्रजातेति तां कन्यां 1. App. 43.7 pr. अप्रजात्वं मनुष्येन्द्र 1. 1176*. 1 pr. अप्रजा धारयामास 1. 107. 99. अप्रजायन्नधर्मेण 12. 35. 14. अप्रज्ञा चाद्युतिस्तथा 12. 305. 11. अप्रज्ञातं जगत्सर्वं 12.282*.5 pr. अप्रज्ञानं तमोभूतं 12. 161. 18. अप्रज्ञावानहं देव 12. 337. 21. अप्रज्ञो वा पाण्डव युध्यमानः 5. 27.21". अप्रणम्यैव शत्रूणां 5. 125. 17. अप्रतय॑मनिर्देश्य 13. App. 15. 4330 pr. अप्रतय॑मविज्ञेयं 6. App. 3. 3 pr. 12. 187. 32; 212. 31%; 224. 11deg3; 239. 22deg; 73*. 10 pr.; App. 26. ___10 pr. 13. App. 15. 4136 pr. अप्रताणि शोभने 13. App. 15. 791 post. अप्रतिग्राहके किं च 13.74. 4. अप्रतिग्राहिणां चैव 4. 360*. 3 pr. अप्रतिग्राह्यमेवैतत् 13. 94. 25". अप्रतिद्वन्द्वतां युद्धे 3. 116. 180. अप्रतिबुवतः कष्टः 12.54, 380 अप्रतिष्ठमचेतसः 12. 68, 53. अप्रतिष्ठं च वार्धषे 13. 409*. 6 post. अप्रतिष्ठं स नरकं 12. 99. 39. अप्रतिष्ठाश्च ये केचित् 13. 27. 44". अप्रतिष्ठे तमस्येतत् 3. 32. 53. अप्रतिष्ठे निमजताम् 2. 64. 3. अप्रतिष्ठैव ज्यायसी 5. 88.734. अप्रतिष्ठो भवेदिति 1. 218. 11t. अप्रतिष्ठो महाबाहो 6. 28. 38. अप्रतीघातता चैव 12. 247. 86. अप्रत्यक्षं बहुद्वारं 12. 64. 30. अप्रत्ययकृतां गौ 12. 112. 16. अप्रत्ययं कुतो ह्यस्य 12. 149. 69. अप्रदह्यतमाश्च वै 12. App. 29D. 49 post. अप्रदाता पिता वाच्यः 3.277.350. अप्रदानेन ते ब्रह्मन् 1. App. 65.8 pr. अप्रदानेन राज्यस्य 5.70.803; 80. 10%. अप्रदाने परोऽधर्मः 3. 131. 4. अप्रदाय द्विजातिभ्यः 12. 12.294. अप्रष्यतमं घोरं 4. 36. 430. अप्रधृप्यतमं विभो 13. App. 15. 20.4 post, अप्रयतरश्चासीत् 3. App. 14. 16 pr. अप्रधृष्यधरं चैव 13. 127. 21. अप्रत्यपराक्रमम् 3. 814*. 1 post. अप्रधृष्यमजेयं च 1. 26.8. अप्रधृष्यमनावार्यम् 5. 194. 4". 6. 111. 30*. अप्रधृप्यश्च नित्यशः 12. 337. 41. अप्रधृष्यश्च शत्रूणां 13. 107. 139. अप्रधृष्यं दुरासदम् 4. 36. 450. 5. 128. 20deg, 36. अप्रधृष्यं महायुद्धे 8. 46. 86. अप्रधृष्यं सुररपि 7. 1423*. 4 post. अप्रधृया भवन्ति ते 5. 62. 17t. अप्रधृयां सुरैरपि 1. 145*. 3 post. अप्रधयो भविन्यति 8. 23. 18. अप्रनष्टे ततो धर्म 12. 282. 130. अप्रबुद्धमथाव्यक्तं 12. 293. 43%; 296. 1. 13. App. 11. 350 pr. अप्रबुद्धादचेतनात् 13. App. 11. 440 post. अप्रभातां सुदुर्मते 7. 135. 31deg. अप्रभुत्वे स्थितौ वृद्धौ 12. 221. 72deg. अप्रभूतश्रुतो मूढः 8. 49. 46deg. अप्रभूतं प्रभूतार्थ 13. App. 13.9 pr. अप्रमत्तश्च यत्तश्च 4. 4. 20deg. अप्रमत्तस्य कालस्य 13. App. 15.4069 pr. का 152 -