________________ अप्पद्राक्षत तं यूयं] श्लोकपदसूची [ अप्येवाहं निराहारा अप्प्रद्राक्षत तं यूयं 8.22. 14. [प्यनन्तरस निवेशनम् 5. 108. 17'. अपनार्यो कृतप्रज्ञ: 12. 110.7. [अप्यनिष्टः समपवत 3. 170.45d. [अप्यनृचश्च तथापरे 3. 148.2rd. [अ]प्यतृणश्चानसूधकः 12. 313. 15t. अप्यनेकशताः सेनाः 12. 133.64. [अप्यन्नं कन्या वसुंधा 14. App. 4. 1183 post. अप्यन्यं प्राकृतं किंचित् 5, 122.40". अप्यन्यामनुपप्रच्छ 18.11.300. अप्यन्योन्य प्रवर्तन्ते 13. 38.22. अप्यपर्वणि भज्येत 5. 125. 19%; 132.38. 12. 131.08. अप्यपश्यत राधेयं 7. 1. 46. [प्यपानः परिवर्तते 3.203, 18. 13. App. 15. 4263 post. अपयपाश्रित्य कर्मसु 12.212.6". [प्यपि साक्षात्पुरंदरः 5.58. 234. अप्यपुत्रा तेन राधा भवित्री 8. 49. 98. अध्यबाधां सुखोदधाम् 12.316.50d. अप्यभावेन युज्येत 11.2. 16. 12. 317.7. [अप्यभिसंधेश्च कर्मण: 12. 199. 20'. [अ]प्यापिद्विभारणम् 3. 267. 49. अप्यमित्रे दयाशंश्च 15.16. 174. [अ]प्ययशस्यं तथा तरन् 13. APP.TA. 130 post. अप्ययं न कुरूणां स्यात् 6.72. 180. अप्ययं न विनाशः स्यात् 2.67.10. अप्ययं प्रभवं चैव 12. App. 29C. 116pr. अप्ययं ब्राह्मणः सबान 8. 18.16. अप्यरण्यसमुत्यस्य 12.128.286. अप्यरण्यं समाश्रित्य 12. 131. 100. अप्यररारुनन्दंष्ट्राम् 5. 131.90. अप्यरेः श्येनवच्छिद्र 5. 131. 10". [अप्यर्चयेषभध्वजम् 13. App. 16. 226 post. अभ्यर्णश विशुध्येयुः 5.53. 11'. अप्यर्धरात्रे नृपतिः 2. 19.31. [अप्वहणार्थ विधीयते 12.235.8. अप्यल्पं प्रददुः सर्वे 13. 61.5". अप्यवाच्यं वदत्येव 5. 43. 19. [अप्यविदित्वात्मनस्तथा 14. 17.8%. [अप्यशुद्धमिति मन्यते 12. App. 29B. 242 post. [प्यश्विनौ सोमपीथिनौ 13. 141. 274. अप्यस्तं प्राप्य चादित्यः 4. App. 45.84 pr. अप्यस्ति गर्भः सुभगे 1. 44. bf. [आप्यस्तुबन्वै जनाईनम् 14.69.7. अध्यस्मिन्नाश्रयन्ते च 5. 133. 36deg. अप्पस्य गुणवान्मुत्रः 1. 1080*. 1 pr. अप्यत्य दारानिच्छन्ति 3.29. 10. अप्यस्य पापस्य भवेदिक्षान्तः 1. 11. 300. अप्यस्य युधि विक्रम्य 7.7.20%. अप्यस्यां शोकार्जितः 4.69:30.1post. अप्यस्याः सफलो राजन् 15.33. 11. अप्यहं कृतकामः स्यां 3.215. 164. अप्यहं तानि दुखानि 7.518*. I pr. अध्यहं शस्त्रमादाय 3.262.26. अप्याक्रामति भामिनि 4. App. 12.21 post. अध्यात्मनः प्रदानेन 13. 2. 42. अप्यादधीत दारूणि 12. 159.60%.. [अधानन्त्यं छाग उच्यते 13.88. 10. अयानयन्त्यभिषेचनम् 5. 138. ]:. अयाहुः सर्वमेवेति 12. G. SS. 13. 60. 220. अप्युदकं च जनाईने 5.87.19. अप्युदासीनवृत्तिः स्यात् 5.72.210. अप्युन्मत्तात्प्रलपत: 5.34. 300. [A]प्युपजीवाम माधव 5. 125. 234. [पशुपसंगृह्य योगत: 12. 232.22. [अप्पस्थानं महात्मनः 13. 146. 234. अपएासिता ब्राह्मणानां मनीपी 5. 28.9. [अप्पेतस्य विपश्चितः 13. 119.. [अपूर्वगं चापि वर्ण्यते 13. 101. 45. अध्येकवारश्रवणात् 18. 17*. 1 pr. अप्येकवीरो बलभित्लवज्रः 7. 1250*.2. अप्येकं भोजयेद्विनं 3. 80.494. अप्येकाङ्गे तु वो वस्तुं 13. 81. 200. अप्येकाहं तपः सुत 1. 1636*2 post. अप्येकां वाचमुत्सृज्य 3. 81. 176deg. अप्येकां वा साधने ब्राह्मणाय 13.70.52. [अप्येत एव यो गुणाः 14. 39. 200. अप्येतदृदि यदुःखं 12. App. 25. 11 pr. [अप्येतड़ाह्मण्यकारणम् 13. 122.. अप्येतामाणिना स्पृष्ट्वा 4.22*. 4 pr. अप्येनं नरमांसेन 1. 100.27 अप्येवमेव यथात्थ माम् 5.91.30. अप्येवं नो ब्राह्मणाः सन्ति वृद्धाः 5. 47. 920. अपयेवं पाण्डव सामान 7. 12.4. अप्येयात्मवध लोके 13. App. 16. 198pr. अप्येवाह निराहारा 3.261.50*. --- 151 -