________________ अपश्यं भीमसेनस्य] श्लोकपादसूची [ अपः पीत्वा पयोमिश्राः अपश्यं भीमसेनस्य 8. App. 17.25 pr. अपश्यं भृशविक्षतम् 9.28. 40%. अपश्यं रथमास्थिताम् 5. 183. 14. अपश्यं रुधिरोक्षितम् 12.27. 12. अपश्यं लब्धचेतसम् 3. 186. 1184. अपश्यं वायुमण्डलम् 12. App. 17C. 119 post. अपश्यं विगतं धर्म 12.221, +9deg. अपश्यं वै सुरर्षिणाम् 3. 845*. 3 post. अपश्यं शयितामिमाम् 1.66.12. अपश्यं शरपीडितम् 3.22.6". अपश्यश्च पुनः पुनः 5. 119.3. अपश्यश्चैव ते यान्तम् 1. 40.. अपश्यंश्चैव सौभई 7.50. 18. अपश्यं श्रीसमातम् 13. 111. 39. अपश्यं सर्ववर्णानां 2. 48. 38. अपश्यं सव्यसाचिनम् 3. 80.6". अपश्यं सहितानेकः 9.28.5. अपश्यं सूर्यवर्चसम् 3.28. 13. अपश्यं सोऽवीच माम् 13. 18. 10. अपश्यस्तत्र पार्थिवाः 2. App. 20.12 post. 14.87.4"... अपश्यंस्तेजसां राशिं 7.69.57. अपश्याम दिवं स्तम्या 7. 165.57; 1339*.3 pr. अपश्याम महागान् 6.58. 11.9.21.20. अपश्याम महाराज 6. 16. 10%; 58.7; 67.30; 84.7; 87. 16"; 102. 16. 8. 32.74; App. 15. 30 pr. 9. 11.GI. अपश्याम महीपाल 7. APP. 15.45pr. अपश्याम यथा पूर्व 9. 14. !". अपश्याम रणे तत्र 8. 17. 10s. अपश्याम रणे तस्मिन् 6.5s.16. अपश्याम रणे द्राणि 8.45.7. अपश्याम रणे राजन् 6. 115. 18". अपश्याम रचान्राजन् 6. 102. 10. अपश्याम रथेऽत्युग्रं 7. App. 5. 10 Pr. अपश्याम विनाताद 8.11.11. अपश्याम विशां पते 3. 17. 1124. अपश्याम श्रियं राजन् 3.226.5. अपश्याम हतानागान 6.5M. 19. अपश्येतां महात्मानी 7. 161. 151". अपश्येतां मुहूर्ताच्च 3. 263. 23. अपसर्पणं महीपाल 3. 129.. अपसर्पत मा कश्चित् 4. 473.pr. अपसर्पन्तमाहह्वात् 13. APP. LA. 291 post. अपसपसति 1. 179*.2 pr. अपसव्यमकुर्वन्त 13. 154. 14. अपसव्यमपाङ्गुष्टं 13. App. 15. 3532 pr. अपसव्यममङ्गल्यैः 13. App. 15. 3577 pr. अपसव्यं कृतः संख्ये 7. 162. 494. अपसव्यं ग्रहाश्चकः 6. 108. 124. अपसव्यं चकार ह 8.31.44. अपसव्यं चकाराथ 7. 162.48". अपसव्यं ततश्चके 8. 11. 17". अपसव्यं तदा चकः 8.26.35. 9. 10. 16. अपसव्यं तु ते सुतम् 7. 162.50. अपसव्यं प्रवर्तते 6. 3. 16. अपसव्यं मृगाश्चैव 7. 167. 3. अपसव्यानि शकुनाः 16. 1.2. अपसव्यानि सर्वाणि 3. 176. 43. अपसव्या मृगाः सर्वे 5. 141. 16". अपसव्यां चितिं कृत्वा 11.23.426. अपसव्यांस्तु तांश्चक्रे 8.58. 250. अपसृत्य हदं घोरं 9. 1. 11. अपसृत्याप्रतिश्रुत्य 7. App. 8. 162 pr. 12. 250. 15*. अपस्करमधिष्ठाने 8. 258*. 3 pr. अपस्करैरधिष्टानैः 7. 40. 184; 43. 16". अपस्करोऽथ गमनं 12.59.63. अपस्तत्प्रतिपद्यते 14.28. 94. अपस्तेजसि चाश्रिताः 12. 290. 201. अपस्यहं पिवेदुग्णाः 12. 159.71. अपम्मारकुले जातां 1. App. 36.22 pr. अपस्मारः सातिवादः 5. 13. 17. अपस्मारि कुले जातां 13. 107. 126". अपस्मारी च यश्चान्धः 13.24. 14. अपस्मारी च यश्चापि 14. App. 4. 2063 pr. अपहत्य तमस्ती 13. 27. 320. अपहन्याक्षुधं यस्तु 13.58. 11'. अपहस्तेन चिच्छेद 8.9. 31. अपहस्तेन जन्निवान् 1. 119. 384. 3. 13.77. अपहाय तु को गच्छेत् 3.74. 10. अपहास्या भवन्ति ताः 13. App. 15. 4663 post. अपहास्यो भवेत्तादृक् 13. App. 15. 894 pr. अपहृत्य गुरुं भारं 1. 13. 43". अपहृत्य ततो मधुः 12. 10. 10. अपहृत्य तु योगां वै 13.73.6". अपहृत्यात्मनो भारं 14.15, 10. अपः पीत्वा पयोमिश्राः 12.289.45%. - 141