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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख श्रीनाकोड़ा तीर्थ-मेवानगर . (308) 1. तीर्थ की पेढ़ी श्रीपार्श्वनाथ प्रतिमाःसंवत 106 .....(1060) वैशाख वदि 5 धर्मेण प्रतिमा कारितेति / / श्री पार्श्वनाथ मन्दिर लेख (309) 2. कीत्तिरत्नसूरि मूत्तिः संवत 1536 वर्षे श्रीकीतिरत्नसूरि गुरुभ्यो नमः सा. जेठा पुत्री रोहिणी प्रणमति / (310) 3. श्री पार्श्वनाथ मन्दिर चौकी: // स्वस्तिश्री र्जयो मंगलाभ्युदयश्च / संवत. 1678 वर्षे शाके 1544 प्रवर्तमाने / द्वितीय आसाढ़ सुदि 2 दिने रविवारे / राउल श्री जगमालजी विजयराज्ये / श्री पल्लिकीय गच्छे भट्टारक यशोदेवसूरि जी विजयमाने श्री महा. वीर चैत्ये श्रीसंघेन चतुषिका कारिता श्रीनाकोड़ा पार्श्वनाथ प्रसादात शुभं भवतु उपाध्याय श्री कनकशेखर शिष्य पं. सुमतिशेखरेण लिखितं श्रीछाजहड़ देवशेखरजी संबन कारापिता सूत्रधार ! ऊजल भ्रातृ झांझा घड़िता मंत्रिज कचरा। (311) 4. श्री पार्श्वनाथ मन्दिर रंग मंडपः // 60 // प्राषाढ़ादि संवत 1681 वर्षे चेत्र वदि 3 दिने भोगवारे हस्त नक्षत्रे वीरमपुरे राउल श्री जगमालजी विजयराज्ये श्री पल्लिवाल गच्छे भट्टारक श्रीयशोदेवसूरिजी विजयमाने श्रीपार्श्वनाथ जी चैत्ये श्री. पल्लिगच्छ संधेन गवाक्षत्रय सहिता सुशोभना निर्गम चतुष्किका कारापिता उपाध्याय श्री हरशेखराणं पट्ट प्रभाकरो उपाध्याय श्री कनकशेखर तत्पट्टांलंकारोपाध्याय श्री देवशेखरे स्वर्गते उपाध्याय श्री कनकशेखर हस्त दीक्षिते उपाध्याय श्री सुमतिशेखरेण स्वहस्ते
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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