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________________ बाड़मेर जिले के प्राचीन जैन शिलालेख 7 (128) 1. चौबीसी श्रीविमलनाथजी प्रतिमा लेखः, संवत 1524 वैसाख सुदि 3 महेवावासी उकेश शा. चांपा भा. नानादे मु. सा. बाहड़ेन भा. कर्मा पुत्र देवराज भा. पार्वतः लखमादे पौत्र आसा प्रांबालो आदि कुटुंबयुनेन श्रीविमनाथबिंब चतुर्विशतीपट्टः का. प्र. तपाश्रीरत्नशेखरसूरिपट्टे श्रीलक्ष्मीसागरसूरिभिः श्रीगौड़ीपार्श्वनाथ मन्दिर (126) 2. चरण-पादुका लेखः / / संवत् 1835 ग आषाढ़ सुदि 15 दिने श्रीजिनकुशलसूरिणापादुका पाटौधो नगरे समस्तखरतरसंवेन कारिता वहतखरतरगछे म. श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः प्रतिष्ठितं / / चतुर्मासकृते / (130) 3. चरण-पादुका लेख: संवत् 1835 रा अषाढ़ सुदि 15 दिने गुरुवारे श्रीपारसनाथजी रा पादुका पाटौदी नगरे समस्त श्रोसंवेंन कारिता वृहतखरतरगछे भ. श्रीजिनचन्द्रसूरिभिः उपदेशात् प्रतिष्ठित // चतुरमासकृत / पारलू यह ग्राम बाड़मेर जोधपुर रेल मार्ग का स्टेशन है तथा बालोतरा समदड़ी बस मार्ग पर भी पाया हुआ है / यहाँ पर श्रीमूलनायकजी श्रीशीतलनाथजी का शिखरबन्द मन्दिर है / (131) 1. प्रतिष्ठा लेखः-- जयन्तु वोतराग : श्री सौधर्म वृहततपोगच्छाधिपति, पूज्यपाद भट्टारक गुरुदेव प्रभु श्रीमद्विजयराजेन्द्रसूरीश्वरजी मां. के पट्टधर न्याय-चक्रवर्ती श्रीधनचन्द्रसूरीश्वरजी म. के पट्ट साहित्य-विशारद श्रीभूपेन्द्रसूरीश्वरजो म. के पट्ट तीर्थोद्धारक श्रीयतीन्द्रसूरिश्वरजी म. के पट्ट गणाधीश श्रीविद्याचन्द्रसूरीश्वर म. ने बी. नी. सं० 2501 वि. सं. 2031 श्रीराजेन्द्रसूरि
SR No.032838
Book TitleBadmer Jile ke Prachin Jain Shilalekh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
PublisherJain Shwetambar Nakoda Parshwanath Tirth
Publication Year1987
Total Pages136
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size10 MB
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