________________ बाड़मेर-जिले के प्राचीन जैन शिलालेख - परागचन्द्रेणांजनशलाका कारितं तांच श्रीम. विजययतीन्द्रसूरीश्वर कर. कमल: प्राहोरनगरे राजेन्द्रसूरि संवत 36 (124) 5. चरणपादुका लेख सं. 2000 वैसाख धवल 6 श्री सिवाणा उम्मेदपुरा श्रीसंघेन युगप्रधान दादा श्रीजिनदत्तसूरि श्रीजिनकुशलसूरीश्वराणां चरणयुगलं कारितं च प्रतिष्ठितः खरतरगच्छाचार्य श्रीजिनजयसागरसूरि नेतृत्वे पं. यतिनेमिचन्द्रेणः (125) 6. चरण-पादुका लेख- . श्रीसौधर्म वृहततपोगछिया क्रियोद्धारक समर्थ प्रभावक श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वराणां चरणपादुका श्रीपादरूसंघेन करापिता तत्प्रतिष्ठा वि सं. 2020 ज्ये शु. 5 चन्द्रवासरे श्री यतीन्द्रसूरीश्वर-शिष्य विद्याविजयेनकृतं / (126) 7. प्राचीन श्रीपार्श्वनाथ प्रतिमा लेख || स. 1861 साके 1726 मिगसर सुद 5 (127) 8. जैन सती लेख-नव निर्मित कमरे में पुनः स्थापित मोनाजी तातेड़ की पत्नी अणदादेवी 1835 संवत माहा सुद 5 को सती हुई है। मुया बसरामजो रा बेटा रूपचन्द हरकचन्द दलीचन्द चपालाल घंवरचन्द मुकनचन्द तातेड़ परिवार ने नवोन स्थापना कराया संवत 2035 वेसाख सुद 7 पाटौदी यह ग्राम बालोतरा शेरगढ़ बस मार्ग पर आया हुआ है / यहां एक उपासरा तथा श्रीगौड़ी पार्श्वनाथजी का घर मन्दिर पाया हुआ है। दोनों खण्डहर अवस्था में है / उपासरा में दो पंच धातु की प्रतिमाएं हैं / एक पर लेख बिल्कुल घिसा हुआ है तथा दूसरी श्रीविमलनाथजी की प्रतिमा है।