________________ कवि हेमरतन कृत भूपति चिति' चमकई पदमणी', जलधि वेल पिण बीहामणी। 'नइ पिण उंडी गुल पिण मीठ,' ए ऊखाणु अंख्या दीठ // 58 // वाघ अनई दोतडिनन्याइ, ए मुझ आज पहूतः आई। केम करुं हिव चिंतु काइ, मंडे कोई अधिक' उपाई' // 59 // फिरतई ऍम पयोनिधि पास, दीठ जोगी एक उदास / साधइ पवन सदाई तेह, जंगम जोग तणउ गुण-गेह // 6 // सिध साधक' जोगेसर' जती, पणमी पासि गयउँ' भूपति / विनय करी राजा वीनवइ', वलि-वलि सिर तसु चरणे ठवह // 61 // "साँमी सिंघल' दीपह तणुं, मुझ मनि हरष अछई अति घणुं / तुम्ह मेट्या हिव भावटि टलइ, पदमिणि नारि किसी परि मिलह // 62 // 'मुझसुं साँमि करउ हिव मया', दुख देखताँ बहु दिन थया"। विनय-वचन वीनवीया जिसइ', सुप्रसंन हूई जोगी तिसह // 3 // नेत्र उघाडी निरखर' नूर, आयस मनि हू आणंद पूर / "आवउ रतनसेन राजाँन"! नाँम कही तसु दीधुं मान // 64 // विसमय हुअ राजा भणी, 'आँ किम वात लही मुझ तणी'। जोगी जपई', "सुणि राजॉन! 'जउ तु आयर्ड इणि मुझ यानि // 65 // ॥५०॥१मन / 2 चाहै / 3 पदमणी CEL . 4 सोहामणी / / 5 नय D / 6 पणि / 7 ऊँडी / 8 ऊँडी०। 9 उषाणो / 10 साचो / - // 59 // 1 अन / 2 तडिनो CE / 3 न्याय / / 4 पहुतुं B, पहुतो / 5 आय / 6 करो। ७च्यतो। 8 माडोल। 9 अपर , अवर 6-7 राजा इम चितै मन माहि / काने मुद्रा रयण झलकंति, लाइ बिभूति बइठो तपसंत। चित्रातच आसनि मृगचर्म, ध्यान मौन ध्यावइ शिवसमै // B061 // मुद्रा नाहि विभूत लगाइ , बैठो शिवसुं ताली लाय। ध्यान मौन ध्याँवै शिवसम, चीत्र-तुचा आसन मृगचर्म // 70 // // 60 // 1 विरतह B, फिरतो , फिरतां / / 2 दीठो / 3 साथै / 4 सदाही , साधना / ५तणो CE | // 61 // 1 साधिक / 2 योगेसर , जोगीसर / 3 जती CE | 4 प्रणमी / 5 गयो CE | 6 बिन / / 7 बिनवै / / 8 ठवै / / // 62 // 1 स्वामी / 2 शंघल AB, सीवल PE | 3 दीपा / 4 तणो / 5 मुझि मन / 6 अछै / // 63 // 1 मुझसुं महिर करो हिवे मया 0, महिर करी मुझ कीजै मया / 2 बोहो , सेवक ऊपरि आणी दया / / 3 बचन / 4 बीनवीयो , वीनबीया / 5 जिसे 0 / ६हुवो , हुओ DB || B64 / / 0 71 // // 73 // // 64 // 1 निरख्यो / 2 मन / / 3 हुँचौ , हुयो / 4 रावी D, आवो छ। 5 रत्नसेन B, रतनसेनि / ६...दीयो...,......माँन 8, दीयो बहु माँन D // // 65 // 1 विसमइ / 2 हूवो, हुंवौ D, हुयो / 3 किम इणि B, इण E, वात B, बात, लही B, कही ......, किम ए जाँण परि......D। 4 जंपैकहै D / 5 सुणो D1 ६......आन्यउ... ...यानि B, जो...आयो मुझनइ...C, जो तु आयो माहरै थानि D, जो तुम्ह भार माहरें....॥