________________ पहलो] गोरा वादल पदमणी चउपई 'मासंगह आणी अभिमान, रॉणी बोलइ-"सुणि राजॉन' ! भगति न भावई मुझ केळवी, तउँ काइ नारी आणउ* नवी // 33 // परणउ काह जई पदमिणी', ते जिम भगति करई तुम्ह तणी। अम्हें जिमाडी जांणां नहीं", कोप की कामणि इम कही // 34 // माणवती हुइ महिला मूल', माण गमाडइ विनय समूल / विनय गयह न रहई सोहाग', विण सोहाग' न लाभइ भाग // 35 // रतनसेन राजा रंढाल, तिजि भोजन ऊठिउ ततकाल / "तउ हुँ जउँ' आणु पदमिणी', भगति जुगति जीमुं ते तणी // 36 // ए इम गरवी नारी किसुं, नारी आगलि हुं किम खिसुं। असक्य नही हुं आणण' नारि', क्यु ए अबला कहइ अविचारि" // 37 // मुंछ मरोडी ऊभ थयउ, गरव ग्रही घर बाहर गयउ। रतनसेन राजा एकल, साथि खवास करी इक भलउँ // 38 // सबल' खजीन साथइ लेह', 'असि चढि चाल्या छाना बेह। कोइ न जाणए विरतंत', 'खिति-पति मनि अति लागी खंति // 39 // // 3 // 1-2 आसंगै छोडी मुख लाज, राँणि कहै साँभलि महाराज। 2 भावै / 3 तमे कांह।, 4 आणो , आंणो / ॥३५॥१जाई / / 2 पदमणी B; 1-2 परणो नारी जे पदमिणी / 3 करै / 4 तुम / ५अम्है / / 6 जीमाई / 7 जाणुं D / ८माण / ९कीयो। ॥३५॥१माणवती / 2 मूलि / 3 माणि 0, मांनै / / 4 गमाडि , हुई / 5 विनष्य B, विणसह 0 / 6 सवि धूलि / 7 विनइ / / ८गयै / / ९रहै / १०सोभाग। 11 सउभाग / 12 लाग न A, लामै E / // 36 // 1 तजि OEI 2 ऊठ्यउ , उठ्या / ३तो CE | 4 जो CE| 5 आणु , परणं / / " पदमणी / 7 तर 3 आणिवा ... // 37 // 1 किम। 2 असक CE / 3 आणिवा / 4 हार / 5 किम 0 / 610 / 7 वदि , जंपे। ८अविचार CE I BOF प्रतियों में निम्नलिखित दो दोहे और एक गाथा क्षेपक खित दो दोहे और प (2) (1) बघेउ वचन अति आकेर, राणी माण गहिछि / तेजी न सहा ताजणउ, सहा त' टॉइर ढिलि // B 37 अ / / [1 वयो, 2 आकरो, 3 जिणो, 4 तहार // // ] 'वचन कहिउ अणभावतो, राँणी माँन गहिल्छ / तेजी न सहै ताजणो, सहैय त' टारर ढिल्ल / / E41 // सुहड सपुरसाँ सिंह नृप, ए प्रहरड बलवंत। . अनइ बकारया माण बदि, ते नवि कदा खमंति / / B 37 मा / [1 प्राहिए; 2 वकारया; 3 माँण 4 वदि // 0 // ] सीह सुहड नृप सापुरस, एह सदा बलवंत / वाकारतां माण वसि, कदिहि न वयण खमंत // 42 // गाहा (3) माया पियाइबंध, मज्जा गेहं धणं च धन्नं च / अविमाणया य पुरिसा, देसं दूरेण छइंति // B 376 // 0 // // 38 // 1 मूछ / 2 ऊभो , उभा / 3 थया / 4.4 गमर करी निज महिले गया / ५एकलो / 6 भलो CE | ॥९॥१खरच / / २खजीना / ३साथै / / 4 लेह / 5 है चढि छांना चाल्या हर अब, अधि। 6 जाणे / / 7 वरतंत / / 8 राजा मनि लागी अति खंति।