________________ कृति जैन धर्म का परिचय जैन धर्म का परिचय (हिन्दी आवृत्ति) प.पू. आचार्य देव भीमा विजय भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजा 42-42 सालों तक साप्ताहिक 'दिव्य दर्शन' पत्र का आलेखन करके पूज्य आचार्यश्री भुवनभानुसूरीश्वरजी महाराजाने जन-जन में सद्ज्ञानकी ज्योत प्रगटाइ हैं। उनके पावन हस्तों से लिखित 100 से भी अधिक पुस्तको में जाने - माने वाला एक पुस्तक यानी 'जैन धर्म का परिचय' / इस पुस्तक की हिन्दी, इंग्लिश एवं गुजराती भाषा में मिलाकर आज तक 4 लाख से भी अधिक प्रतियाँ बीक गइ हैं। जैन धर्म की 'मीनी युनिवर्सीटी' कहलाती इस पुस्तक में... + जगत् का सर्जनहार कौन हैं ? + आखिर जीवन में धर्म की जरुरत क्यों ? + नवतत्त्व एवं जीवविचार / + क्या कोई आत्मा ‘सर्वज्ञ' हो सकता हैं ? + कर्म विज्ञान की सरलतम समज / + श्रावको की दिनचर्या एवं साधुधर्म / ध्यान और अध्यात्म। इत्यादिक जैन धर्म के विविधविषयों का संक्षिप्त में किन्तु स्पष्ट निरुपण किया गया हैं।