________________ // नमोत्थुणं समणओ भगवओ महावीरस्स // " // परमोपकारी श्री प्रेमसूरीश्वर सद्गुरुभ्यो नमः // जैन धर्म" ___ का परिचय लेखक न्यायविशारद वर्धमान तपोनिधि गच्छाधिपति परम पूज्य आचार्य श्री विजयभुवनभानु सूरीश्वरजी महाराजा प्रकाशक दिव्यदर्शन ट्रस्ट 39, कलिकुंड सोसायटी, मफलीपुर चार रस्ता, धोळका-३८७८१० www.jainonline.org