________________ (75) // 17 // एकणपात्रेआदमीरे / जीमावे केईलाख / तेह अदीएमहाणसीरे / सत्तावीसमीसाख // चतु० // 15 // चूरसेना चक्कीसनीरे / संघादिकनेकाज / तेहपुलाक खबधिकहीरे / अभावीशमीसाज // चतु० // 20 // तेजशीतलेश्याबिदुरे / तेम पुलाकविचार / जगवतीसूत्रमें नाखियोरे / एत्रिकुंनो अधिकार // चतु० // 21 // चक्रवर्ती बलदेवनीरे। वासुदेवत्रणएह / आवश्यकसूत्रे रे / नहिंइहांसंदेह // चतु० // 2 // पन्नवणा आहारनी रे / कल्पसूत्रगणधार / तीनतीन कश्क मिलीरे, वारूआविचार // चतु // 23 // प्रष्णब्याकरणें कहीरे / वाकी. खबध्यांबीश / सांजलतां सुखउपजेरे / दोलतदुवे निशिदीश // चतु // 2 // (कलश) संवत्त सतरेसेंबवीशे मेरुतेरसदिननले / श्रीनगरसुखकरवूणकरणसर आदिजिनसुपसावले / वाचनाचारज सुगुरु सांनिध विजयहरखविलासए। श्रीधर्मवनस्तवननणतां प्रगटज्ञानप्रकाशए // 15 // इति श्री 27 सब्धिस्तवनं // // अथ 14 पूर्वस्तवनं लिख्यते // // ढाल * बेकर जोडीताम ए चाल / ॥जिनवरश्रीवर्षमान / चरमतीर्थकर / प्रहऊठीप्रणमुं मु. दाए / श्रुतधरश्रीगणधार / सूरिशिरोमणी / नमतां नवविधिः संपदाए // 1 // चवदेपूरबनाम / सूत्रे जूजूवा / वीरजिणंदेजाखीयाए / तेहिव सुगुरुपसाय / वरणवस्युंश्हां / आगममेंजिम उपदिश्याए // 2 // पहिलोपूरबउत्पाद / दूजो आग्रायणी / वीर्यप्रवाद तीजोनमुंए / अस्तिनास्तिप्रवाद सत्ता जाणीये / नाप्रवादण पंचम गिणुंए // 3 // बनो सत्य