________________ (67) रजतसोवनजरथालरे // नमो० // // धनदिन ते गिरिफ- . रसरयूंरे / करस्युंपावन मोरीकायरे / जगतिजुगतिजुहारसुंरे / नानिनंदनजिनरायरे // नमो // ए॥ व्यत्नावकरसुंमुदारे। पूजाविविधप्रकाररे / नावेनावनानावसुंरे / करसुंसफलअवताररे // नमो० // 10 // रतनत्रयी जमतीनलीतरे / देसुं ते धरिबुधिरे / नवनवन्त्रमणनिवारसुंरे / लहसुंश्रातमसुधिरे // नमो० // 11 // विधिफरसणमनमाहरोरे / मोहिरह्यो दिनरातरे / पुन्यप्रबलश्रीपामियोरे / उऊलगिरीकेरीजातरे // नमो // 12 // नाथधूलेवा सुपसायधीरे / कारजसगलासिघरे / कहेजिनहरखसूरि सदारे / होय जो मंगलवृधरे // नमो // 13 // इति श्रीसिहाचलवृध्वस्तवनं संपूर्णम् // // अथ श्रीगौडीपार्श्वनाथवृद्धस्तवनं लिख्यते // // मुहा // वाणी ब्राह्मावादनी। जागे जन विख्यात / पासतणागुणगावतां / मुऊमुखवसज्यो मात // 1 // नारंगे अणहिल. पुरे / अहमदावादेपास / गौमीनोधणीजागतो / सहूनीपुरेआस // // शुनबेला शुनदिनघमी / मदुरत एकममाण / प्रतिमा ते इह पासनी / थई प्रतिष्टाजाण // 3 // ढाल // 1 // गुणहि विशाला मंगलीकमाला / वामानोसुतसाचोजी / धणकर्णकंचणमणिमाणकदे / गौमीनोधणीजाचोजी // // गुण ॥अणहिलपुरपाटणमाहेंप्रतिमा / तुरकतणे घरहूंतीजी। अश्वनीनूमि अश्वनीपीमा / अश्वनी वाल विगुतीजी // 5 // गुण // जागंतोजद जेहनें कहिये / सुहणो तुरकनें आपेजी। पासजिनेसरकेरीग्रतिमा / सेवक तुझसंतापेजी // 6 // गुण // प्रहकठीने परग