________________ (67) त्यवाह / ते परमेशर विन मिट्यारे, किमवाधेजबाहोरे // 6 // वी० // वीरश्रकांपिण श्रुततणोरे, ढुंतोपरमआधार / हिवणां श्रुतआधाररे / एह जिनागमसारोरे // 7 // वी० ॥णकालेसहूजीवनेंरे / आगमथीबानंद / ध्यावोसेवोनविजनारे / जिनपमिमासुखकंदोरे // // वी० // गणधराचारजमुनिरे / सहुने इणपरिसीध / नवनव आगन संगधीरे / देवचंपदली. धरे // ए॥ वी० इति श्रीनिर्वाणकट्याणकस्तवनं संपूर्णम् // . // अथ श्रीसिद्धक्षेत्रपुंडरीकगिरिवृद्धस्तवनं लिरव्यते श्रीचंद्राप्रभूपाहूणोरे एदेशी // // नमोरेनमोशेचेंजगिरीरे / त्रिकरणशुचत्रिकालरे / पापपमलदूरेटलेरे / तूटे करमजंजालरे / नमो० // 1 // पूरब निनाएं समवसखारे / प्रथमजिनंदजगदीशरे।बावीसम जिनवर विनारे। समोसस्यातेवीसरे // नमो // // साधु अनंता अणशणग्रहीरे / सीधाएहीजगेमरे / कालागामी वलिसीजस्येरे / साधु अनंतीकोमिरे॥नमो॥शाअनंत कट्याणकनूमिकारे / महिमावंतमहंतरे / सासतोतीरथ ए सहीरे / अतिशयजासश्रनंतरे // नमो० // 4 // कोमिलवंतरे जेकियारे / पातिकविविधनपायरे। सेचुंजे सनमुखचालतांरे / पग पग ते सहूजायरे // नमो० // 5 // धनदिनतेहीजजाणसुरे / वहिस्युसेव्रुजकेरीवाटरे / उहरीयथा विधिपालस्यूंरे / संघसहितगहगाटरे // नमो० // 6 // पगपगउच्चवअतिघणारे / पगपगजाचकदानरे / प्रेमजगतिसाहमीतणारे / जीर्णोधारप्रधानरे // नमो० // 7 // धन ते गिरिरायनिरखसुंरे / वढतीमंगलमालरे / मणिमोतीयमे वधावस्युंरे /