________________ (1) जव सिव अनुसरे ए / आगलबांध्यो. आउ / तातें तिहाथकी। तीजे चौथेनवतरेए // 16 // // ढाल 4 // इण पुर कंबल कोइ न लेसी ए चाल // // पंचम देसविरतिगुण गण / प्रगटे चलकमी प्रत्याख्यान / जेण तजे बावीस अनद / पाम्यो श्रावकपणो प्रत्यक्ष // 17 // गुण इकवीस तिके पिण धारे / साचा बारे ब्रत संजारे / पूजादिक षट्कारज साधे / ग्यारे प्रतिमाआराधे // 17 // भारत रोज ध्यान दुवे मंद / आयो मध्य धरमानंद / आठ वरस ऊणी पुबकोम, पंचमगुणगणे थितिजोम // 15 // हिव आगे साते गुणगण / इकश्क अंतरमहुरतमान / पंच प्रमाद वसे जिण गम / तेण प्रमत्तमोगुणधाम // 20 // थिवर कलप जिनकलपत्राचार / साधे षट्नावस्यकसार / उद्यतचोथा च्यारकषाय / तेण प्रमत्तगुणगणकहाय // 1 // सूधो राखे चित्तसमाधे / धरमध्यान एकांताराधे / जिहां प्रमाद क्रियाविध नासे / अपरमत्त सत्तमगुणनासे // 22 // // ढाल 5 // मी नदी यमुनाके तीर उडे दोय पंखीया ए चाल // // पहिलेअंसे अच्मगुणगणातणें / आरंले दोयश्रेणि संखेपे ते गिरें / उपशमश्रेणिचढे जे नरहुवे उपसमी। आपकश्रेणि दायकप्रकृतिदश क्यगमी // 53 // तिहां चढतापरिणाम अपूरबगुण खहे / अम नाम अपूरबकरण तिणें कहे / सुकलध्याननो पहिलो पायो आदरे / निरमल मनपरिणाम अभिगध्याने धरे // 2 // हिवअनिवृत्तिकरणनवमो गुण