________________ (30) // 2 // पंचनदीपर साधीया, पांचपीर परधान, सोनाव्यो जिनधर्मने, सास्यो वंचितकाम, करो प्रनुवांछितपूरण दयाल, स० // 3 // जीती चोसठ जोगिनी, वसकीया बावनवीर, ऊबकाकरती बीजली, स्थंजित करी गुणधीर, करजो प्रनु अमची सार कृपाल, स० // 4 // प्रतिबोध्या नरनारिने, शासन शोजा बधार, चारित्र पाली निरमलो, स्वर्ग लह्यो सुखकार, तुमे ग्रनु संपदा पामी रसाल, स० // 5 // युगप्रधान जग परगमो, अंबा अक्षरदीध, जगगुरु चिंतामणिसमो, मनवांछित फललीध, सहुना मनवांबित पूरो रसाल, स० // 6 // इत्यादिक जशगुरुतणो, जाणे सकलजहान, परचा जगमे परगमा, सेवे रावराजान, सेवानो फल तुरत लहे निहाल, सन् // ७॥संघउदय करो साहिबा, दया करी गुरुराज, अलिय विधन दूरे हरो, पूरो सहुजन काज, पूरीने प्रन्नु मेटो जब जंजाल, स० // 7 // गमगम गुरु शोजता, थुनघणा महिराण, नावे सेवै नविजना, सदा सुरंगे वाण, तुमगे गुरु जक्ततणा रिबवाल, स० // ए॥ सदगुरु समजग को नही, जीवन प्राण आधार, कामित पूरण सुरगवि, सुखकारण दिलधार, गुणनिधि अमचा परम कमाल, स० // 10 ॥श्रीजिनदत्तसूरीशरु, मणियाला जिनचंद / कुशलकरण कुशलेसरु, प्रणमें जिनकृपाचंद, करजो प्रजु शासननी संजाल, स० ॥११॥इतिश्रीदादासाहेबस्तवनं। // अथ दश अच्छेरानी सज्झाय // // नंदीसर बावन जिनालय-ए देशी // अरिहंत देवने नमन करीने, गाऊं गुण गुरुजननारे, सर