________________ (367) टाय, संगांगीलावेकरीरे अप्पा / अशुद्धविनावअपायरे // सुप // सां० // 12 // शुचनिश्चय नयेकरीये अप्पा / आतमन्नावअनंत / तेहअशुछ नयेकरीरे अप्पा / इष्टविनावमहंतरे // सु० // सांग // 13 ॥व्यकर्मकर्ताथयोरे अप्पा / नयअशुधव्यवहार / तेह नीवारोस्वपदेरे अप्पा / रमतांशुधव्यवहाररे // सु० // सां० // 14 // व्यवहारेसमरेथकीरे अप्पा / समरे निश्चयाचार / प्रवृत्तिसमारे विकल्पनेरे अप्पा / तेहस्थिरपरिणती सार रे // सु० // सां० // 15 // पुजलने परजीवीरे अप्पा / कीधो नेदविज्ञान, वाधकता दूरेटलीरे अप्पा / हवे. कुण रोकेशानरे // सु० // सांग // 16 // आलंबननावनवसेरे अप्पा / धरमध्यानप्रगटाय / देवचंदपदसाधवारे अप्पा / एहजशुधउपाय रे // सु० // सां० // 17 // // ढाल 3 जी // राग धन्याश्री // आयोबायोरे / अनुनवातमचोभायो / शुचनिमित्तआलंवनन्नजतां, आत्मा संबनपायोरे // आ० // 1 // आतमखेत्रे गुणपर्याय विधि / तिहांउपयोगरमायो / परपरिणति पररीतेजाणी / तास विकल्पसमायोरे // आ० // 2 // प्रथकत्ववितर्कसकलशारोही / गुणगुणी एकसमायो / परजयव्य वितर्क एकता / पुरधरमोहखपायोरे // // 3 // अनंतानुबंधीसुलटनेकाढी / दर्शनमो. हगमायोरे / तिरिगतिहेतुप्रकृतिदयकीधी थयोआतमरसरायो रे // आ॥४॥ द्वितीयतृतीयचोकमीखपावी / वेदयुगलक्ष्यथायो / हास्यादिकसत्ताथीध्वंसी / उदयवेदमिटायोरे // आ० // 5 // अवेदीने अविकारी। हण्योसंजलनोकसायो। मार्यो