________________ (343) नेनवरोपिया / नाना विधवृद / मूलपत्र फलफूलना / लागापापतेलद // तेमु०॥ 10 // आधोवाही आगमी / जवाबधिकालार / पोठी ऊंठ कीमा पड्या / दया नावी लिगार // तेमु० // 15 ॥ींपानेनवतखो / कीधारांगणपास / अगनि आरंल कीयाघणा / धातुरवादअन्यास // तेमु॥२०॥ सूरपणे रणज्जतां / मायामाणसवृंद / मदिरामांस माखणनख्या खाधामूलनेकंद // तेमु० // 21 // खाणखिणा धातुनी। पाणीउलंच्या / आरंजकीधा अतिघणा / पोते पापतेसंच्या // तेमु० // 22 // अंगारकर्म कियावली / धर्मे दवदीधा / सूंसलेश वीतरागना कूमासुंसजकीधा // तेमु० // 23 // बिसी नव ऊंदर गिट्या। गिलोइ हत्यारी / मूढगिमार तणे नवे, में जूं खीख मारी // तेमु० // 24 // जमजूंजातणे नवे / एकैति जीव / ज्वार चिणा गहुँ से किया / पातारीव // तेमु॥२५॥ खांमणपीसण गारना / आरंज अनेक / रांधण इंधणअगनिना, कीया पाप अपार // तेमु०॥२६॥ विकथाच्यारकीधी. वलि / सेव्यापंचप्रमाद / इष्टवियोगपमामिया। रोदनविखवाद // तेमु० // 27 // साधुअने श्रावकतणा / ब्रतलेश्नेनागा / मूलअनेउत्तरतणा। मुफदूषण लागा // तेमु०॥ 2 // साप विब सिंहचीतरा / सिकराने समली। हिंसक जीवतणेलवे / हिंसाकीधी सबली // तेमु० ॥२ए // सूवावमे दूषण घणा / बलिगरजगलाया / जीवाणीढोट्याघणा / शीलबतनंजाया // तेमु०॥ 30 // जवअनंतनमतांथकां। कीयाकुटुंब संबंध / त्रिविध त्रिविध करिबोसरूं / तिणसुं प्रतिबंध // तेमु० // 31 //