________________ (337) बीकहोय अर्धफलकहे / जमणी बींक बूरीसडकहे / पूंजीकसु. खदायकसही / घणी नींकते निरफलकही // 3 // हांसेनयनपाधीयेकरी / हरायणो मनमांहेधरी / एकीक ते निरफलजाण / कूतरीकतो निःखरजाण // 4 // मंजारींकते मरणजकरे / इसीक कष्टकारीसरे / वस्तुवेचतां गंकजहोय, आ. एयु किरियाणुं मोघु होय // 5 // वस्तु लेतां बींकजो होय / बमणो लाल सघलानो जोय / गश्वस्तुजो जोवाजाय / बींकहोयतो लाल न श्राय // 6 // नवांवस्त्रवली पहेरतां / गैंकहोये आगल अणतां / जोजनहोमपूजार्नुकाम / मंगलिकधमसुगम // 7 // कामएटलां कीधानीअंत / वली क्रियाकरावे. खंत / रतिस्नानकरीनेरहे / बीकहोयतो पुत्रजलहे // 7 // शतुवंतीने दीधेदान / पनीहोवे पुत्रनिदान / वैरीजीती जाशुं जोय / बीकेवैरीसबलोहोय // ए॥ रोगीकाज वैद्यतेमवा / जातांठींके जोनवनवा, ते रोगीने मृत्युजाणीये / कामविना वैद्य नाणीये // 10 // वैद्यरोगीने घरेावतां / बींक होये औषध आपतां / रोगीतको रोगते समे / आहार लेते जमवुगमे // 11 // व्यापारेलिधेव्यापार / बींकहोयतोवृद्धिअपार / खेऱ्या शुध्दीधुंरायने / कफोकथायेतेहने // 15 // पाणी पीतांअथ विसंवाद / नींकदृष्टिदोषअनिवाद / नवघरे वसवाआवीये / बींकहोयेते उचालीये // 13 // व्याजे अव्य केहनेआपतां, वली पृथ्विमांधनदाटतां / कर्षजोवाजातां वली / वृष्टिहोयपुहवीमनरली // 14 ॥ींकशुकन नर जाणेजेह /