________________ (16) खगई निम्माण तसादिदर्श्वनीमाल / सुरनर तिरिय आऊ तित्थंकर पुण्य बायाल / तस वादर पजात्त पत्तेय थिरं सुन सोय / सुलग सुसर आइज जसें त्रस दसको होय // 10 // नाणंतराय दसक नवबीजा नीच असाय / मिल थावर दश नारगत्रिक पचवीस कसाय। तिरयंच उंग एकिंजीबिति चौरिंजी तेय / कूखगई उपघा अपसत्थ वण चौनेय // 11 // पढम संघयण विना संघयण तेम संघाण / एम वयासी प्रकृति पापतत्वनी ए जाण / थावर सुहम अपऊ साहारण अथिरे गेय / असुल फुत्नग दूसर णाज अजस दसलेय // 12 // पण चौपण तिय इंदिकसाय अवय तिम जोग / बायालीस सेस पच्चीस क्रिया संयोग / काश्य अहिगरणीया पावसिया परिताप / प्राणातिपात आरंनकी परिगहियानो लाप // 13 // माया प्रत्यय मिला दंसणवत्ती तेम / अपचक्खाणकी दि पुलि पामुच्चिय जेम / सामंतोपनवणिय नेसत्थि साहत्थै जेह / आज्ञापनकी वेयारण अणनोगा तेह // 15 // श्रणवकंख पच्चयना उवांगी समुदाय / प्रेम पेष रियावही किरिया ए कहिवाय / सुमति गुपति परिसह जश्धम्म नावण चारित्त / पण तिग बावीस दस बारै पण संबर तत्त // 15 // इरिया-नाषा एषणा सुमतीना नेद होय / आदान नंम उच्चार निक्खेवण पांचे जोय / मणगुत्ती वयगुत्ती कायगुत्ती त्रिण जाण / हिव आगे बावीस परीसह कढुं हित आण // 16 // लूख पिपासा सीत ऊसन मांसा निरवत्थ / अरति जोषा चरिश्रा नैषिद्या सिज्जासत्त। श्रकोस वह जायण अलाल रोग त्रणफास / मल सकार पन्ना अन्नाण