________________ (317) कारे / जाणों चतुरसुजाण / हयगयवाहण रसी अंकुशसढेरे / घसीहुवे मुनितिमगण // दस // 3 // अरतीने वारे विरतीश्रादरेजी / लोपेनहीं जिनलीक / तपजपखप किरियाकरे / ते वंदनीकपूजनीक // दस // 4 // चूलिकाबीजी बोधबीजसंपजेरे / बीजी तीजी वात / मुनिवर समतानरसंबररमेरे / धर मेनीनी सातधात // दस // 5 // संवेगी सोनागी वैरागीजतीरे / पाले निरमलसील / केवलदसणपामी लवजलतरीजी पामे अविचललील // दस // 6 // सुणतांलणतां सिद्धांतवाचतांजी / ऊलसे अंगोअंग / नव नव मंगल पुण्यकलससदा जी / जयतसी जयजयरंग // दस 7 // इति श्रीदसवैकालिक सूत्र सकाय पंमितजयतसीजीकृत संपूर्णम् // // अथ श्रीद्विमुखराजानी सझाय लिख्यते // // नयरी कपिलानोधणीरे // जयराज गुणखाणी / न्याये नितपाले प्रजारे / गुणमालापटराणी // 1 // उमूहराय बीजो प्रत्येकबुझ / वैरागे मनवासियोरे / समकितपालेसुज // 50 // धरतीखणतां नीसखोरे / मुगट एकअनिराम, मुख बीजो प्रति बिंबीयोरे तिण निमुखहुवोनाम // 5 // 2 // मुगटलेवा नणी मांमीयोरे / चंम्प्रद्योतसंग्राम / पिण अन्यायकूशीलीयोरे / किम सरे तेहनांकाम // 5 // 3 // इंजधज अति सिणगारीयोरे / जोतां त्रिपत नथाय / सकललोक खेलेरमेरे / महोत्सव मांड्योराय // 5 // 4 // तिहांजा इंजधजदेखीयोरे / पड्यो मलमूत्रमकार / हा हा शोलाकारमीरे / ए सहुअथिर संसार // 5 // 5 // बैरागे मनवालियोरे लीधो संजमन्नार / तप