________________ (316) जिन // कुकमी वनमामरे बिहीयकारे / मरेब्रह्मचारिनारीशु तेमरे / सिणगार सोना षटरसखायवोरे / तालपुट जहर हला. हलजेमरे // 7 // जिन // वसही सयणासणपायपूरणोजी। पहिलेही लेज्यो लेवाजोगरे / धन धन मुनि ते चंदसूहमसमारे / लहेसुख इहलोगरे // 7 // जिन // आचारपणहीनाम अफेणमे रे / आपमे सखरा आचाररे / सिद्धांतरीसाखे नाखे जैतसीरे / सूत्रधीयाज्यो मुजनिस्ताररे // ए // जिनवर० // इति अष्टमाध्ययनसकायसंपूर्णम् // ॥अथ नवमाध्ययन सझाय लिख्यते // // उलगमी उलगमीकरिये गीतारथगुरुतणारे / मानमोमी मदगेमी / आसातना असातनाटाली नमियें पूजीयें / वंदिये करजोम / उलगमी० // 1 // सिमांतसिद्धांतसुणावे सखरावांचनेरे / बूझवेअरथविचार / इंजचंचंजसूर जिम सद्गुरूसेवीयेरे / विनयकरी वारंवार / ॐ // // नवमे विनयसमाहिअफेणमेरे / नव नवा अरविचार / उद्देसे उसे चोथे. शिवरवरणव्यारे / समाधि थानकच्यार / // 3 // पहिली पहिली विनयसमाधिविधिजलीरे / बीजीसूत्रसमाधि / त्रीजी तपश् चोश्रीआचारनीरे। च्यारजेदवाराधि॥॥॥समाधी समाधीआराधे ते सुखसिघिलहेरे / अजर अमरपददेव / बेकर. जोमी बेकरजोमी वांदे जेतसीरे / गुणवंतश्रीगुरूदेव // 5 // // इति नवमाध्ययनसकायसंपूर्णम् // // अथ दशमाध्ययन सझाय लिख्यते // // ढाल // अरिहंतवचने दीदादरीजी / निरूपम रस .