________________ (14) // 25 // सग सग सग सग दश चवदे दो दो दो लाख / च्यार च्यार तिम च्यार चवद लख सूत्रे साख / नू अप तेऊ वाऊ वणपत्तेय साधार / बि ति चौ पण तिर नारग सुरनर अनुक्रम धार॥२६॥काय न आय न पाणन जोणी कुल नहीं जात / सादि अनंत नंग जिन आगम थिति विदात / रोग न सोग न जोग जोग नहीं नारि लिंग। नहीं य नपुंसक पुरष तणा नहीं अंग उपांग // 27 // नाण दंशण चारित्त वीरज ए च्यार अनंत / सिफ श्रया तेहथी सिद्धांते सिद्ध कहंत / इमए जीव विचार गाथाथी नाषा रूप / श्रावक आग्रहथी में कीनो सुगम सरूप // 27 // खरतर गळ नट्टारक श्रीजिनलानसूरीस / रत्नराज गणिग्यान सार मुनिसीस जगीस / संवत शशि रस वारण ससिहर धर निरधार / माघ चौथ दिनकी नो जैपुर नगर मकार ॥शए॥ इति श्रीजीवविचार प्रकरण नाषा गनित स्तवनं संपूर्णम् // // अथ नवतत्व भाषा गर्भित स्तवनं लि०॥ // * // उहा // नमस्कार अरिहंतनें / सिसूरि उवकाय / साधु सकलप्रणमीकरी, प्रणमी श्रीगुरु पाय // 1 // करस्युं हूं नवतत्वनी / गाथा लाषा रूप / मंदबुद्धि गुरु सानिधे / कहिस्युं सुगम सरूप // 2 // (सुरती महीनानी देशी ) जीव अजीवें पुण्य पाप तिम आसव सोय / संबर निजर बंध मोद ए नव तत्व होय / चवद चवद बायाल वयासी वलि बायाल / सत्तावन बारे चौ नव क्रम नेद निहाल // १॥ग उति चौविह पणविद विह