________________ पचीस धनुष पय नमो / वीसम मुनिसुव्रतअरिहंत / वीस धनुष तनु मान कहंत // 10 // इकवीसम नमि जिन राजान / धनुष पनरे तनु रूप निधान / बावीसम श्री नेमि जिणंद / दस धनु दीपे जाण दिणंद // 11 // तेवीसम श्री पारस नाथ / नील वरन सोहै नवहाथ / चौवीसमा जिनवर श्रीवीर / सातहाथ जगनाथ सरीर // 12 ॥ण परि ए जिणवर चौवीस / प्रणमें प्रहसम धरीय जगीस / तांघर रिद्धि सिद्धि जबरंग / रंगविनय प्रणमें मुनिरंग // 13 // * // // इति श्री चोवीस जिनदेहमान स्तवनं // * // // अथ 24 जिन आउ प्रमाण स्तवनं लि०॥ // * // रुपनदेव प्रणमुं जिनराय / लाखचोराशी पूरव आय / बीजो अजित जसु सूत्रे साख / आज बहुत्तर पूरब लाख // 1 // तीर्थकर संजव तीसरो / आउ लाख पूरब साठीरो / अजिनंदन पूरे मन आस / आज लाख पूरव पंचास // // सुमतिनाथ पंचम जगदीस / बाउ लाख पूरब चालीस। श्री पदम प्रनुनी ए स्थिति जाण / लाख तीस पूरब परिमाण ॥३॥श्री सुपाच लाख पूरब वीस / दस लाख पूरब चंदप्रन्नु ईस / सुविधिनाथ साख पूरव दोय / श्क लख पूरब शीतल थिति होय // 4 // आउ बरस चोरासी लाख / श्री श्रेयांस तणो श्रुत साख / लाख बहुत्तर वरसां तणो वासुपूज्य परमायुष गिणो // 5 // विमल श्राउ लाख साठि वरीस / वरस अनंत तणो लख तीस / लाख वरस दस धरम जिणंद / लाख