________________ (8) कर नमुं मन लाय / गणधर सङसंग मंगलकारी नितप्रति थाय / जन्म मरण सहु सुख दूरे करो दीनदयाल ।गळ खरतरगुरु लदमीप्रधानमोहन प्रतिपाल // 12 // // इति श्री त्रिनुवन मंझण सर्व जिन बिंब नमस्कार स्तवनम् // // * // अथ 24 जिन देह मान स्तवनं लिख्यते // * // * // प्रणमुंशषन जिनेसरपाय / धनुष पांच सै ऊंचीकाय। बीजो अजित जिन मुफ मन वसै / मान धनुष साढा च्यारसै अभिनंदन जिनसुं मनलीन / देह धनुष सो साढातीन // 2 // पंचम सुमति नाथ नगवान् / धनुष तीनसो देहीमान / पदम प्रनु पूरै मनास / देह धनुष दोयसै पंचास // 3 // सामिसुपारस सत्तम होय / देह प्रमाण धनुषसोदोय / चंघा प्रनु जिन मुकमन वसै / देह प्रमाण धनुष दोढसै ॥४॥सुविधिनाथ नमियें सुविवेक / जंचप्रमाण धनुषसोएक / शीतलनाथनमें जगसवे / देह प्रमाण धनुष जसु निवे॥५॥ श्रीश्रेयांस नमुं उझसी / ऊच प्रमाण धनुष तनु असी / वास पूज्य बारम जिनचंद / मान धनुष सित्तर सुखकंद॥६॥विमल विमल गुण करि गंजीर।साठी धनुष जसु मान सरीर / अनंत ज्ञान अनंतप्रकास / देहप्रमाण धनुष पंचास ॥७॥पनरम धरमनाथ जगदीस / मान धनुष जसु पेंतालीस / शांति करण सोलम जिनशांति / देह धनुष चालीस सोनंति // 7 // सतरम कुंथु जिन जगदाधार / मान धनुष पेंत्रीस उदार / अर अढारम दीन दयाल / त्रीस धनुष तनु अति सुविशाल // ए॥ मशिनाथ जिन जगणीसमो / मान