________________ (25) वी० // ए॥ चनवीसमजिनऊपना, नवसत्तावीसकीध, ला तेवर[संखेपथी सुणतांकारजसिझ, ला० वी० // 10 // जंबू दीपमांजाणीये, पश्चिम विदेहमकार, ला प्रतिष्ठानपुरमावसे, नयसारनामजदार ला० वी० // 11 // कणवारियो गामालेई, काष्टलेवा वनजाय, लाम् साधुकेई तिहां आविया, वांदि जने, धर्मसुण्यो चित्तलाय, ला समकितपामिने मुदा, मार्गे मुनिपोहचाय, ला० वी० // 13 // कालअनादि नमतांथकां, नवसंख्या न लहंत, ला० समकितथी नवजाणिये, तेह कई देवलोक जाय, ला जिनकृपाचन्मसूरि कहे, बीजो नव कहिवाय, ला० वी० // 15 // // ढाल बीजी॥-श्रीयुगमंधरजीनेकहेजो ए देशी॥ सांजलो नविजन मनरंगे, वीरप्रनुना नव उमंगे, सां० जंबुद्धीपमां है गजे, जरतक्षेत्र दक्षिण राजे, नगरीअयोध्यादीवाजे, सांग // 16 // रिषनदेव राजा सोहे, जरतादिक शतसुत होवे, लोकस्थिति जगजनबोहे, सां // 17 // नरतने विनीतानो राजदेवे, पुत्रनामांकित देश होवे, आदीसरदीदालेवे, सां० // 17 // सहसवरस संजमपाली, केवलपाम्यो करमटाली, समवसरणस्थिति नीहाली, सांग // 15 // जरतगया वन्दनकाज, मरुदेवीपाम्यो शिवराज, चन विह संघ थाप्यो शुजकाज, सांग // 20 // जरतनो पूत्र मरीचिजाणो, त्रीजो. नवए कहेवाणो दीवानोआव्यो टाणो, सां० // 21 //