________________ (221) हां त्रिशलाराणी मनअकुलाणी त्यारजो, शोकातुरई मूर्चितश्रावे तेहवेरे, लो० हां हानथीजाण्यो मातातणो विक हपजो, प्रनुजी चाट्या एकदेशीजेहवेरे, लो॥२४॥ हा हर्षितथश्ने राणीकहे सुहेणजो, पारसनाप्रप्रसादे मुजवंचित मावित्र जीवतां दीदानविलेवीमयारे, लो० // 25 // हां, संपूरण गर्नस्थितिसुखकारजो चैत्र सुदीतेरसने जन्म्यानाथजीरे, लोप हा त्रणजगमांहि वरत्यामंगलमालजो, श्रीजिनकृपाचनप्रसूरि शिवपुरसाथजीरे लो० // 26 // // ढाल चोथी॥ // दशमे देशावगासीकारे ए देशी // जन्मसमय जिनराजनेरे, दिशि कुमरी आवंत, सूतिकरम. करैलावधीरे, इन्सासन चालंत, सुणोजवियणजणारे, सुणतां. अधिक आनंद, सु० // 27 // अवधि प्रयुंजे सुरपतिरे, जिन जन्मोत्सवजाण, आवेशद्धिविस्तारीनेरे, नाव अधिकदिला . सु० // 20 // सिघारघर आवीनेरे, जिन जननी प्रणमंत पांचारूपकरी अनुग्रहीरे इन्जमेरुपोहचंत, सुध // 25 // चोप सुरपति तिहांमध्यारे, स्नात्रकरणने काज, तीर्थोदक कला जरीरे, नवरावेजिनराज, सु० // 30 // अष्टप्रकारीपूजाकीरे मातापासेलाय, रत्नवृष्टिकरीसुरपतिरे, दीप नंदीसरजाय. सुध // 31 // राजाघर अोचव घणोरे, प्रनुजन्म्यासुखकार, वृद्धिथई नाम थापियोरे, वर्धमानहितकार, सु० // 32 // कुमरपणेप्रजुगुणनिधीरे, चारअतिशय सुखदाय, श्रामलकी क्रीमा