________________ (17) शुधधर्मे दृढमनकीनो, राजग्रहसाहमांजावै, बिचबौधादिकने हावे, सुणो० // 32 // बिचगोशालेने हरावी, हस्तीतापस समजावी, श्रेणिकने अन्नयकुमार, वन्दनाव्यादिलधार, सुणो० // 33 // श्रीवीरनाचरणसेवीने, मुनिजन्मकृतारथकीन,जिनकृपाचन्जसूरिसैवे, नवियणजगमां जसलेवे सुण // 34 // ढाल पांचमी // // मनडोमोडोरेमनमोहनजी ए देशी॥ पर्वपजसणावियानविप्राणीजी, एतो आराधोगुणखाण, पर्वआराधोरे न० // 35 // बच्श्रमादितपकरो, न पह मासखमणसुखकार, पर्व ज० // 36 // अमारिपमहवजमाविने, जवि सर्वजीव प्रतिपाल, पर्व० ला // 37 // सूर्ययशाराजापरे, न सेवो तप दृढचितलाय पर्व० ज० // 30 // अयोध्यानगरीनोराजियो न लरतपुत्र त्रिखंमप्रतिपाल, प० न० // 35 // इंऽ प्रशंस्यो तिणसमे, न उर्वशीरंजाइहांआत, प० न० // 40 // विद्याधर कुमरीबनीन परणीराजायेचित्तचाह, पर्व० ल॥४१॥ लोगविलासललीपरे, ज० कालवीत्योनविजाएंत, प० न० // 52 // पमहसांजलीवीनव्यो, जा राजानैकारणतेह, प० लम् // 13 // पर्वाराधनफलकह्यो, न चूकाव्योनविचूक्योएह, प० ज० // 45 // तपनहिंलोप्योजावधीना सूर्ययशामहाराज, प० ज० // 45 // प्रतिज्ञा चूकीउरवसी न इंआव्योसुखसाज, प० नम् // 6 // मुकुटादिकजूषणदेई, न स्तवनाकरीमनोहार, प० न॥॥ इं गयो स्वर्गतदा न वोजयजयकार, प० न० // 4 //