________________ (201) नवताहरिसेव // कृ० // 31 // कलश श्मचढीयसेजचरणप्लेट्यानाविनंदनजिनतणा, करजोमियादिजिणेंद, आगेपाप. आलोयाआपणा, श्रीपूज्यजिनचंदसूरिसद्गुरुप्रथमशिष्यसुजशघणे, गणिसकलचंदसुसीसवाचक, समयसुंदरगणिनणै // 3 // इतिघालोयणस्तवनं // // अथ आलोयणवृद्धस्तवनंलिख्यते // .. ॥उहा // सकलसिद्धिदायकसदा, चौवीशेजिनराय, सजुरुसामिनीसरसती, प्रेमेंप्रणमुंपाय // 1 // त्रिजुवनपतित्रिशलातणो, नंदनगुणगंजीर, शासननायकजगजयो, वर्षमानवमवीर // 2 // एकदिनवीरजिणंदनें, चरणेकरीपरिणाम, नविकजीवनाहितजणी, पूजेगौतमस्वामि // 3 // मुगतिमारगाराधिये, कहोकिणिपरिअरिहंत, सुधासरसतववचनरस, लाखेंश्रीनगवंत // // अतिचार 1 आलोश्वे, व्रतधरीयेगुरुशाखिश जीवखमावोसयलजे, योनिचोरासीलाख 3 // 5 // विधिमुं. वलिवोसराविये, पापस्थानकअढार 4, च्यारशरणनितअनुसरे 5, निंदोऽरितआचार 6 // 6 // शुनकरणीअनुमोदिये , जावनलोमनाण , अणशणअवसरादरी ए, नवपदजपो. सुजाण 10, // 7 // शुन्नगतिआराधनतणा, एचैदशअधिकार, चित्तआणीने श्रादरो, जिमपामोलवपार // 7 // // ढाल 1 // // एछिंडीकिहांराखी // इसचालमे // ज्ञानदरिशणचारित्रतपवीरज, ए पांचेआचार, एहतणाश्हजवपरजवना, आलोश्येअतीचाररे // 1 // प्राणीशाननणो