________________ (१एए) णोजी-तेहनेंकहीयेफुःख, परदुःखनंजणतूंसुण्योजी, सेवकनेंद्योसुख // कृ० // 4 // आलोयणलीधांपखेजी, जीवरलैसंसार, रूपीलदमणामहासतीजी, एहसुण्योअधिकार // कृ० // 5 // दूषमकालेदोहिलोजी, सूधोगुरुसंयोग, परमारथपीनहिंजी, गमरप्रवाहीलोक // कृ० // 6 // तिणतुमागलिश्रापणाजी, पापालोऊंआज, मायबापागलिबोलतांजी, बालककेहीलाज॥कृ०॥७॥जिनधर्मजिनधर्मसहूकहेजी, थापेापणीवात, सामाचारीजूईजईजी, संसयपड्योमिथ्यात // कृ० // // जाणअजाणपणेकरीजी, बोल्याउत्सूत्रवोल, रतनेकागजमावतांजी, हासोजन्मनिटोलम् // कृ० // ए॥ जगवंतनाष्योते किहांजी, किहांमुझकरण एह, गजपाखरखर किमसहेजी, सबलविमासएतेह // कृ०॥ 10 // श्रापपरू' आकरोजी, जाणेलोकमहंत, पिणनकरुं परमादीयोजी, मासाहसदृष्टान्त // कृ॥११॥ कालअनन्ते लह्याजी, तीनरतनश्रीकार, पिणपरमादेपामियाजी, किहांजईकरुपुकार // कृ० // 1 // जाणुंजत्कृष्टीकरंजी, उद्यतकरुंरेविहार, धीरजजीवधरैनहीजी, पोतेबहुसंसार // कृ // 13 // सहजपड्योमुजाकरोजी, नगमेहमीवात, परनिंदाकरताथकांजी, जायैदिननेरात // कृ० // 14 // किरियाकरतांदोहिलीजी, बालसाजीव, धर्मपधंधेपड्योजी, नरकेकरसैरीव // कृ // 15 // अणदुंतागुणकोकहेजी, तोहरखुनिशिदीश, कोहितसीखनलिकहेजी, तोमन आणुंरीश // कृ० // 16 // वादलणीविद्यालणीजी, पररंजनउपदेश, मनसंबेगधयोनहीजी, किमसंसारतरेश // कृ॥१॥