________________ (14) सहस अणुंसही, दोयलाखसंख्या गहगही, // 7 // पांचलाख पेंतालीसहजार, श्रावकणीसंख्या सुविचार, बहुत्तरलाख पूरबनोवाय, कंचनवरणसरीरसुहाय // 7 // साढाच्यारसे धनुषसरीर, मानलह्यो प्रनुगुणगंजीर, गजलांउन प्रनुजीनोजांण अमृतसमजसुमीठीवाण // ए॥ अनुक्रमप्रनुजी शिखरसमेत, गिरिवरपर श्राव्यानिजहेत, सहस मुनीसरनेपरिवार, मासखमण अणसणकरसार // 10 // चैत्रीसुदिपांचमनें दिने, मुक्तिगएप्रनुतीरथणे, नूचरखेचर किन्नरसुरी, इंसादिक सहुजलवकरी // 11 // थाप्यो तीरथमोटोमही, अहाश्महोवकियोसही, ए तीरथनीजात्राकरे, ते नवियणअक्षयसुखलहे // 12 // ॥दोहा॥ - श्रीसंजवजिनराजजी, गएश्हांनिर्वाण, शिखरसमेतसुहामणो, प्रगव्योतीरथजाण // 1 // ॥सुगुणसनेहीसाजन श्रीसीमंधरखाम ए चाल // // ढाल 2 // __ सावजीनगरीनरी, धनसंपदसहुथोक, जितारिनृपराजकरे, सुखियासबलोक, सेनाराणीमागीवाणीगुणनीखाण, जेहनेंसुतश्रीसंजवजनम्यासकलसुजाण // 1 // कंचनबरणसरीरमनोहर प्रजुनोजाण, खंउनश्रश्वतणोसोहे प्रजुनोपरधान, साउलाखपूरबनो प्रनुनोत्रायुप्रमाण, धनुषच्यारसेउंचपणे प्रनुदेहव. खाण // 2 // एकसोदोयसंख्यायें प्रनुनेंगणधरहोय, दोयलाख मुनिजेहनेंगुणवंताजगजोय, तीनलाखश्रमणीवली ऊपरसहस.