________________ (155) उपवासोरे // पंचमीपमिकमणोकरो / पढोपंमितगुरुपासोरे॥४॥ जिणदिन पंचमीतपकरो। तिणदिन आरंजटालोरे // पंचमी स्तवनथुईकहो / ब्रह्मचारिज पिणपालोरे // 5 // पंचमास लघुपंचमी / जावजीव उत्कृष्टीरे // पांचवरसपंचमासनी। पंचमी करो शुनदृष्टिरे // 6 // // ढाल 3 जी॥ हिव नवियणरे पंचमीऊजमणोसुणो / घरसारूरे बारूधनखरचोघणो // एअवसररे आवंतांवलि दोहिलो / पुण्यजोगेरे धनपामंतांसोहिलो // उबालो // सोहिलो वलिय धनपामंतां पण धर्मकाजकिहांवली / पंचमीदिन गुरुपास आवी कीजिये काउसग्गरली॥त्रणशान दरसन चरणटीकीदे पुस्तकपूजिये। थापनापहिलीपूजकेशरसुगुरुसेवा कीजियें॥१॥ढाल॥सिमांतनी रेपांचपरतवीटांगणा। पांचपूगरे मुखमल सूत्र प्रमुखतणा॥पांचमोरारे लेखण पांचमजीसणा / वासकूपारे कांबीवारू वरतणा।। उहालो / / वरतणावारू वलीय कमली पांचकिलमिल अति. नवी / स्थापनाचारिज पांचठवणी मुहपत्तीपमपाटली॥ पटसूत्रपाटी पंचकोथल पंचनवकरवालियां।णपरेंश्रावककरे पांचमीऊजमगुंजवालियां // 2 // ढाल // वलिदेहरेरे स्नात्रमहोत्सवकीजियें // घरसारूरे दान वलितिहांदीजियें // प्रतिमाजीनेरे आगलढोवणुंढोयें। पूजानारेजेजेउपगरणजोश्य।।नहालो। जोश्यउपगरण देवपूजा काचकलश गारए / श्रारतिमंगल थालदीवो धूपधाणुंसारए // धनसार केशर अगर सूकम अंगलूहणोदीसए / पंचपंचसघली वस्तुढोवो सगतिशुपचवी