________________ (10) खंत // हो // 11 // आसोजे आंसूंफरेहो लाल / नाहविना निस दीस / सारनपूलीसाहिबेहो लाल / राखिरह्योमनरीस // हो // 12 // कातीदृढगतीकरीहो साल // जायमिली गिरनार / देखीमुखनिजनाहनोहो लाल / सफलगिणे अवतार // हो // 13 // संयमले पिडसेंहथेहो लाल / पामेजवनोपार / इणपरपाले प्रीतमीहो लाल / धनधन ते नरनारि // हो // 15 // जेकीधी पशुऊपरे हो लाल / मोपरकरज्योदेव चंदजणीद्यो करिदयाहो लाल / प्रनुचरणारीसेवहो // 15 // इतिश्रीनेमराजीमतीनो बारमास संपूर्ण // // अथ श्रीपार्श्वनाथजीकी घग्घरनीसाणी लिख्यते // // सुखसंपतिदायक सुरनरनायक / परतिख पासजिनंदा हे। जाकीरविकांति अनोपमपित / दीपत जाण दिणंदा हे / मुखज्योतिक्रिगामिग किग मिग / पूरण पूनमचंदा हे / सबरूपसरूप वखाणहिजूपत / तूंही त्रिनुवन नंदा हे // 1 // करुणासागर लोकसबेमिल / जाकाजस्सथुणंदाहे / तेरी खिजमत्त. करे इकचित्तसुं तो सेवकधरणिंदाहे / तेंजलता भाग निकाट्या नाग / किया वमनाग सुरिंदाहे / तो चरणां श्राय रह्या लपटाय / कलाप्रतिकेलिकरंदाहे // 2 // इक दिन महारनवनपंचागनि / तापसतापतपंदाहे / फल फूल आहारी उछाधारी। अस्पथाहारलियंदाहे / सबनेष सन्यासी रहेनदासी / अविनासीध्यावंदाहे / दिसीच्यारां दिछी बलेरंगीनी / सूरजतापतपंदाहे // 3 // महिमा वधारी सबनरनारी / जाकू शायनमंदाहे। एसी सुणवत्तां धरिय उकत्तां / पुत्तां पासजिनंदा हे / वामादे