________________ (17) आता // शिवरमणीकुं वरी है जिनजी / नविजनकुं सुखकेदाता // 17 // इति श्रीकट्याणपार्श्वनाथजीकी लावणी संपूर्णा // ॥श्रीनेमिराजीमतिनो बारमासो लि०॥ सीयालैखाटुनलीरे लाल एदेशी // तोरणथी रथफेरीयोरे लाल नितुर नेमकुमार / प्रेमविलूधी पदमणीरे ला वीनवेरा जुलनारहोरंगीला नेमसुणमाहरी अरदाश 1 // सहेट्यासुंरा जुलकरे ला // मगसिरनाव्योपीव / प्रीतम विनहिव माहरोरे ला० धीरजनधरे जीव होण्॥पोसमहीनो आविवोहो ला आयोमो मुखदैण / तो सुरतने सांवला हो० ला० देखण तरसैनेण हो 3 // माहमहीनेसीपमेहो ला पीनसंग पोढेनारी / प्रीतमविणहूं एकलीरे ला केमरहूं निरधारी हो 4 // होलीखेले हेतसुंदो ला० फागुणमें नरनार / ढुं किण सुं खेलु हिवेहो ला पासनहींजरतार हो० 5 // चेतमहीने चांदणीरे ला० संजोगण सुखदैण / विरहणने वालमविनारे ला रोवत जावैरेण हो०६॥ वनहरिया वैशाखमेरे ला मांजररहीमहकाय / अरजसुणी अवलातणीहो ला तपतमिटावो श्राय हो० // जेतपेलू आकरोहो ला दाके कोमल गात / ससनेहीसाहिवविनाहो ला कुणपूरे मुरूवात होना आषाढे काली घटाहो ला ऊनमि आयोमेह / कंतमिट्या निजनारसुंरे लाग्धरती मिलिया मेह हो / श्रावण चमके दामनीहो ला० घनवरसै ऊमलाइ / इणझतुसूतांएकलीहो लाल / क्यूंकररैणविहाई॥ हो 10 // कालीकलायणमिलिहो लाल / नावमे वर संत / अरजसुणीनेसाहिबाहो लाल / पूरोमोमन