________________ (113) // 5 // सदासेश्मचिंतवेजी होसीसफलमुक श्रास // पक्षमासगिणतांथकांजी, पूरीथश्चोमास // ज० // 6 // सामग्रीश्राहारनीजी, जीरणकीध तश्यार // प्रनुनो मारगदेखतोजी, बेगे घरनेबार // ज० // 7 // घरावे पाहुणोजी, निदुत्यो एकणवार // प्रनुजी कां न पधारसीजी, में निहुत्यावारंवार // 7 // पीने करस्युं पारणोजी, हुं प्रजूने पमिलान // होय मनोरथ एहवोजी, तोयविनवरसे आन // ज० // ए॥ अवसरजठ्यागोचरीजी, श्रीसिद्धारथपूत // वेसालापुरावतांजी, पूरणघरेपछुत्त // 10 // मिथ्यात्वीजाणेनहीजी, जंगमतीरथएह // चेटीप्रते श्म कहेजी कांकनिदादेह // ज० ॥११॥चाटूलरनेबाकलाजी, प्रतुने आणीदीध // नीरागी तेहीलियाजी, तिहांप्रनू पारणोकीध॥ज॥१॥देववजावे मुनिजी, जैबोले करजोमि॥हेमवृष्टिहु तिहांजी, साढीबारेकोमि // ज० // 13 // कहोसेन्तुमे स्युंदियोजी, कियोपारणोवीर // लोकांप्रते श्मकहेजी, में पहिराश्दीर ॥१५॥राजादिक सहुश्मकहेजी, धनधन पूरणसेठ / उंचीकरणी तेंकरी जी, अवरसहू तुकहेठ // ज० // 15 // जीरणसेठसुणे तबेजी, वाजिनमुनिनाद // अन्यत्रकियो अनूपारणोजी, मनमें थयोविषवाद // 16 // हूंजगमें अनागि योजी, मेरे न श्रायासाम // कटपवृक्षाकिमपांमीयेजी, मारुमंगलगंम // ज० // 17 // जेता मनोरथमें कियाजी, तेता रह्या मन मांहि // निरधन जिमजिमचिंतवेजी तिमतिम निरफल थाय // ज० // 17 // स्वामीतिहांकियो पारणोजी, कियो अन्यत्र विहार // श्रायापाससंतानियाजी, तिहां मुनीकेवल धार // ज०. बृ० स्त०८