________________ ( 5) मनजरंग / घरसारूवारू खरचे धनबहुलंग / अतिउच्चवकीजे रातीजोगोदिलखोल / गीतगान गवावे पावेअतिरंगरोल // 12 // ढाल // 3 // एसातेउपधान / विधिसे जे वहे। ते सूधीकिरियाकरेए / खिणनकरे परमाद / जीवजतनकरे / पुंजि पुंजि पगलाजरेए // 13 // नकरे क्रोधकषाय / हम हम हसेनहीं / मरम केहनो नविकहेए / नाणे घरनोमोह / उत्कृष्टीक. रणी करे / साधुतणीरहणीरहेए // 15 // पडुरसीमसिकाय / करपोरसीजणी / उंचेस्वरबोलेनहींए / मनमानावेएम / धनधनएदिन / नरनव मांहिं सफलसहीए // 15 // जे साते उपधान / विधसेतीवहे / पहिरेमालसोहावणीए / तेहनी किरियाशुद्ध / बहुफलदायक / करम निरजरा अतिघणीए // 16 // परलव पामे रिछ / देवतणासुख / बत्रीस बघ्नाटक पमेए / लाने लील विलास / अनुक्रमशिवसुख / चढती पदवी जे चढे ए // 17 // (कलश) इमबीरजिणवरन्नुवण दिणयर मातत्रिशलानंदणो / उपधाननाफल कहे उत्तम नवियजण आणंदणो / जिणचंदजुगपरधानसदगुरु सकलचंद मुनीसरो / तसु शीश वाचक समयसुंदर लणे वंचित सुखकरो // 17 // इति श्रीसातउपधानगनितश्रीमहावीरस्वामी वृधस्तवनं संपूर्णम् // // अथ पक्खवासे तपका वृद्धस्तवनं लिख्यते // ॥सीमंधरकरजोमया एदेशी॥ // जंबुद्धीपसोहामणो / दक्षिणतरतजदार / राजग्रही नगरीनली / अलिकापुरअवतार ॥१॥श्रीमुनिसुव्रत स्वामीजी। समरंता सुखथाय / मनवंचितफलपामीये / दोहगदूरपुलाय