________________ 1605 श्लोकानुक्रमणिका। पदातिथेयाँ 91143 | पश्य द्रुता 2216 | पुत्री विधो રાહ૧ पदे पदे भाविनि 11 पश्यन् स 6.18 पुत्री सुहृद् 877 पदे पदे सन्ति 1132 पश्य भीरु 1884 पुत्रेष्टि 17 / 93 पदे विधातु 7.10 पश्याः पुरन्ध्रीः 639 पुनः पुनः का 15/30 पदैश्चतुर्भिः 17 पश्यावृतो 2241 पुनः पुनर्मिल 1717 पदोपहारे 822 पश्योच्च 22 // 120 | पुनर्वक्ष्यसि 17/115 पद्यां नृपः 657 पांशुला 21144 पुमांसं मुमुदे 171168 पद्मासद्मा 7.49 पाञ्चजन्य 21184 पुमानिवास्पर्शि 647 पद्मान् हिमे 10120 पाणये बल पा४५ पुरः सुरीणां 9 / 28 पपी न कश्चित् 1665 पाणिपर्वणि 21119 पुरःस्थलाङ्गल 1653 पयःस्मिता 16106 पाणिपीडन 5.99 पुरः स्थितस्य 6 / 41 पयोधिलक्ष्मी 11117 पाणी फणी 11.18 पुरभिदा 476 पयोनिलीना 11108 पातुर्दशा 3.104 पुराकृति 7 / 15 पयोमुच 22 / 114 पाथोधिमन्थ 11460 पुरा परित्यज्य 8123 परदार 17142 पापात्तापा 1744 पुरा यासि 17 / 153 परभृत पार्थिवं हि पुरी निरीक्ष्या 163122 परति 3 / 134 पार्श्वमागमि 1836 पुरे पथि 10 // 31 परस्परस्पर्श 655 पिकरुन 435 पुरैव तस्मिन् 1623 परस्पराकूत 1677 पिकस्य 864 पुरो हठा 197 परस्य दारान् 1416 पिकाद्वने 188 पुष्पकाण्ड 18120 परस्य न 16 / 113 पिताऽऽत्मनः 16.117 पुष्पं धनुः 7 / 24 पराद्धर्थवेशा 163 पितुर्नियोगेन पुष्पायुध परिखावलय 2 / 95 पितणां तर्पणे 17.166 पुष्पेषुणा 11026 परिमृज्य 2050 पिपासुरस्मी 1683 पुष्पेषुश्चिकु / 3 / 128 परिष्वजस्वा 9 / 116 पीडनाय 18.95 पुष्पैरभ्यर्थ्य 14187 परीरम्भे 2046 पीतावदाता 10.98 पूगभोग 18198 परेतभ 11109 पीतो वर्ण 211137 पूजाविधी 111110 पर्यतापन्न 366 पीत्वा तवा 1175 पूतपाणि 21120 पर्यभूद्दिन . 56 पीयूषधारा 3142 | पूरं विधु 22159 पर्वतेन परि 5.44 पुंसामलब्ध 17.31 पूर्णयेव 2031 पलाशदामेति 15/53 पुंसि स्वभर्तृ 643 | पूर्णन्दुबिम्बा 10 // 62 पवनस्कन्ध 17/11 17165 पूर्णेन्दुमास्यं 1020 पवित्रमत्रा 13 पुण्ये मनः 8117 / पूर्वपर्वत . 20123 3372 / पटपाव