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________________ 91 तुलनात्मक धर्मविचार. समान आकृति वाली वस्तुएं मूल वस्तु का उपयोग देती हैं यह जादू के मुख्य सिद्धान्त अनुसार मृत के शरीर की तरह की आकृति वाले पुतले भी मृत शरीर का उपयोग दे सकते हैं ऐसे विश्वास से परलोक में मृत का जीवन अधिक बढ़े इस लिए अधिक से अधिक पुतले बनाते / जादु का इतना उपयोग करके वह रुके नहीं / जीवन के लिए इस लोक तथा परलोक में आवश्यक अन्न वस्त्र और दूसरी सब वस्तुएं शबके साथ दबाने का रिवाज प्रथम मिसर में वैसे ही अन्य देशों में प्रचलित था। परन्तु इसके बदले जादु के प्रयोगानुसार बैंची हुई आकृतिओं का उपयोग किया जाता और ऐसी आकृतिएं मूल वस्तु से भी बढ़ कर टिकाऊ होने से, मूल वस्तुओं से भी अधिक उपकारक मानी जातीं / निदान मृत मनुष्य इस लोक में जो जो उद्योग करता और जो जो भोग भोगता रहा वही परलोक में उसे मिलेंगे; ऐसा निश्चय जादु के उपचारों से किया जाता कारण कि अमुक मनुष्य अमुक कार्य करता है ऐसा जादु के प्रयोग से लिखे जाने से वह मनुष्य परलोक में उसी कार्य में प्रवृत्त होगा। इस प्रकार मिसर की और प्राचीन ईरान की परलोक की भावना में इतना भेद होता कि पारसी परलोक को अपनी समाज का अंतिम विजय का स्थान मानते और मिसर वासी उसे लौकिक भोग भोगने के स्थान के रूप समझते / बौद्ध और ईसाई धर्म की भावी जीवन की कल्पना ऐसी थी कि उसे सुधारने के लिए
SR No.032770
Book TitleTulnatmak Dharma Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajyaratna Atmaram
PublisherJaydev Brothers
Publication Year1921
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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