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________________ तुलनात्मक धर्मविचार. और आधुनिक बौद्ध तथा इसाई धर्मों में भावी जीवन संबंधी विचार भिन्न भिन्न नियमों पर बने हुए दृष्टि गत होते हैं। __ अपने राजा की जीतसे तथा अपनी प्रजा के अभ्युदय से प्राचीन ईरान के रहने वालों को ऐसा ज्ञान हुआ कि हम दुश्मनों से बढ़ कर हैं इससे उनमें असाधारण गौरव की भावना उत्पन्न हुई और उसके परिणाम में ऐसा मानने लगे कि सब परधर्मिओं के लिए स्वर्ग का द्वार बंद है और उनको नरक में डालना है / दूसरी ओर प्राचीन मिसर के रहवासियोंने परमिओं के भावी जीवन के विषय में विचार करने का कष्ट ही न उठाया / वह तो अपने भावी जीवन के लिए सामग्री तय्यार करने में ही रुके हुए थे। इस पर से प्रतीत होगा कि ईरान से बढ़ कर मिसर में राजा और प्रजा के उदय के अन्त समय में भावी जीवन विषय विचार किया गया होगा और उसमें वास्तविक श्रद्धा भी उत्पन्न हुई होगी। ___ भावी जीवन की भावना उत्पन्न हुई तब से प्राचीन ईरान की समाज परस्पर संबंध से मिला हुआ था और उस समय समाज की बराबरी में एक व्यक्ति का मूल्य बहुत थोड़ा होता था परन्तु इस भावना के उदय होने के समय मिसर तो एक साम्राज्य बना हुआ था और उसमें अलग अलग समाजें मिल गई थीं तथा प्रत्येक समाज अपने अपने देव और देवता को मानता / इस प्रकार मि सर धर्मी और उसके देवों के बीच की प्रतिज्ञाएं शिथिल पड़ गई /
SR No.032770
Book TitleTulnatmak Dharma Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajyaratna Atmaram
PublisherJaydev Brothers
Publication Year1921
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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