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________________ 50 यज्ञ. किए जाते थे उसी विधि से उन्हीं कारणों को लेकर उसी उसी समय चीन में भी यज्ञ किए जाते थे परन्तु वहां पितृ पूजा को विशेष गौरव देनेसे यज्ञ क्रिया में विशेष वृद्धि न हो सकी। . अन्य धर्मों की तरह याहुदी धर्म में भी अपकृत्योंका प्रायश्चित्त कर आफत दूर करने के लिए यज्ञ किए जाते थे तथा कितने ही यज्ञ तो भोजन समारंभ के स्वरूप में भी किए जाते थे / इस में प्रथम देवताओं को नैवेद्य देना पुनः पूजा करने वालों का समाज भोजन करता / दूसरे धर्मों में जिन कारणों से यज्ञ क्रियाओं का विस्तार अटका वह कारण यहां नहीं मिलते / चीनीओं की तरह याहूदी पितृ पूजा की ओर आकर्षित नहीं हुए थे उसी प्रकारसे मिसर देशवासिओं की तरह उनका चित्त परलोक की चिंतामें नहीं लगा था तथा असीरिया की तरह उन्होंने जादुगरों का भी आश्रय नहीं लिया था तो भी याहूदियों में यज्ञ क्रिया का प्रचार होना बन्द हो गया / इस लिए जिन कारणों से ऐसी रुकावट हो सकी है वह कारण धार्मिक इतिहास की दृष्टि से बहुत ही महत्व के माने विना नहीं रहेंगे। ऐसा होने से हम उस पर सविस्तर दृष्टिपात करेंगे। ___याहूदी धर्म में जो जेरेमियाह और ऐजेकियल सिद्ध शुरुष हो गए हैं उन्होंने अपने उपदेश से इस क्रिया को बढ़ने नहीं दिया। उनके समय तक याहूदी धर्म में ऐसा माना
SR No.032770
Book TitleTulnatmak Dharma Vichar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRajyaratna Atmaram
PublisherJaydev Brothers
Publication Year1921
Total Pages162
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size9 MB
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